अफगानिस्तान के हुसैन रसोली को मिला पैरालंपिक में चुनौती पेश करने का मौका…
तोक्यो, 31 अगस्त । अफगानिस्तान के खिलाड़ी हुसैन रसोली को अंतत: मंगलवार को यहां पैरालंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा पेश करने का मौका मिल गया। काबुल से सकुशल बाहर निकाले जाने के बाद हुसैन और टीम की उनकी साथी जाकिया खुदादादी शनिवार को तोक्यो पहुंचे थे। ये दोनों एक सप्ताह देर से पहुंचे और निजता तथा सुरक्षा कारणों से इन दोनों को पैरालंपिक खेल गांव में रखा गया है। इन दोनों के प्रतियोगिता से पहले और बाद में मीडिया से बात करने पर भी रोक है। हुसैन मुख्य रूप से फर्राटा धावक हैं लेकिन वह प्रतियोगिताओं के लिए देर से पहुंचे। इसके बाद उन्होंने टी47 क्लास की लंबी कूद स्पर्धा में भाग्य आजमाया जो इन खेलों में उनकी एकमात्र स्पर्धा है। वह हालांकि 4.46 मीटर के प्रयास के साथ 13 खिलाड़ियों की स्पर्धा में अंतिम स्थान पर रहे। क्यूबा के रोबील यांकील सोल केरवांटेस ने 7.46 मीटर की कूद के साथ स्वर्ण पदक जीता। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के प्रवक्ता क्रेग स्पेंस ने कहा कि उन्होंने सोमवार को हुसैन से बात की थी लेकिन इसके बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। स्पेंस ने कहा, ‘‘वह प्रतिस्पर्धा पेश करने को लेकर बेहद रोमांचित था। वह पहले भी लंबी कूद में हिस्सा ले चुका है लेकिन किसी बड़ी प्रतियोगिता में वह पहली बार लंबी कूद स्पर्धा में हिस्सा ले रहा था। यह बेहद विशेष मौका था। मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं।’’ जाकिया 2004 के बाद पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाली अफगानिस्तान की पहली महिला बनेंगी। वह गुरुवार को ताइक्वाडों के महिला 44-49 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करेंगी। अफगानिस्तान की दो सदस्यीय टीम सप्ताहांत पैरालंपिक खेल गांव में आईपीसी अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स से भी मिली थी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…