जीवन साथी चुनने से पहले बरतें सावधानी…
जीवन साथी का नाम आते ही युवा दिलों में कुछ-कुछ होने लगता है। मन हिचकोले खाने लगता है। एक समय था जब शादी विवाह का फैसला 1बड़े बूढ़े कर दिया करते थे पर अब रूप बदल गया है शादी ब्याह के तौर तरीकों का और जीवन साथी के चुनाव का।
आधुनिक जीवन शैली में हमारे समाज में शादी विवाह की दो मुख्य पद्धतियां अपनाई जा रही हैं, पहली तो माता-पिता द्वारा तय किया गया रिश्ता, दूसरा जवान लड़के लड़कियों द्वारा किया गया चुनाव जिसे लव मैरिज का नाम दिया गया है। यदि आप भी अपने लिए जीवन साथी का चुनाव करने जा रहे हैं या जीवनसाथी ढूंढने जा रहे हैं तो ध्यान दें कुछ पहलुओं पर।
सबसे पहले तो आप किस प्रकार का जीवन साथी चाहते हैं, इस बात का निर्णय करें। अपनी इच्छा को ध्यान में रखते हुए जीवनसाथी का चुनाव करें या अपने माता-पिता को बताएं।
जीवनसाथी देखते समय या चुनाव करते समय इस बात को ध्यान में रखें कि कोई भी व्यक्ति संपूर्ण नहीं होता, इसलिए संपूर्णता की आशा न रखें। अपने अंदर झांकें कि आप कितने योग्य हैं और कितने गुणवान हैं। उतनी ही उम्मीद दूसरों से लगाएं।
अपने जीवनसाथी से अपनी कमियों व आदतों को न छिपाएं। अपनी उम्र, नौकरी, वेतन आदि के बारे में स्पष्ट बताएं क्योंकि आज जो झूठ, आप बोल रहे हैं वह कल आपके पारिवारिक जीवन को खराब कर सकता है चाहे आप लव मैरिज कर रहे हैं या अरेंज्ड। माता-पिता को भी कहें कि आपकी किसी गलत आदत पर पर्दा न डालें।
माता-पिता को अपनी आर्थिक व सामाजिक स्थिति के बारे में दूसरे पक्ष से स्पष्ट कर देना चाहिए। लड़के के आर्थिक स्तर को भी स्पष्ट रूप से रखना चाहिए। झूठी शानो शौकत में नहीं पड़ना चाहिए। ये बातें बाद में नुक्सान पहुंचा सकती हैं।
जीवनसाथी ढूंढते समय जाति बंधन को मूल कारण न बनाएं। आज के आधुनिक युग में जाति बंधन को अधिक नहीं माना जाता। शेष गुण ठीक होने चाहिएं। हर जाति में अच्छे लोग होते हैं।
लव मैरिज करते समय युवाओं को अपने माता-पिता को विश्वास में लेकर विवाह करना चाहिए। न मानने की स्थिति में जिद न करें। उन्हें समझाएं और मौका दें सोचने का। ऐसे में धीरज रखें। भाग कर विवाह न करें क्योंकि बाद में कठिनाइयों और समाज का सामना करना बहुत मुश्किल होता है।
लड़कियों को जीवनसाथी चुनते समय ध्यान देना चाहिए कि लड़का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए जो आपके खर्चे आराम से वहन कर सके। लड़की को दहेज का खुद भी लालच नहीं करना चाहिए। उसे विश्वास होना चाहिए कि वह अपना स्थान दूसरे परिवार में दहेज से नहीं बल्कि अपने संस्कार और व्यवहार से बना रही है। दहेज की मांग रखने वाले लड़के को जीवनसाथी न बनायें।
लड़के को भी चाहिए कि यदि उसके मां-बाप दहेज का लालच रखते हों तो उन्हें दहेज न लेने को समझाएं।
फिल्मों या नाटकों के अभिनेता-अभिनेत्रियों की तरह कल्पनालोक में रह कर शादी न करें। असली जीवन और फिल्मी जीवन में बहुत अंतर होता है। जीवन के यथार्थ को समझकर ही विवाह जैसा बड़ा कदम उठाएं।
जीवनसाथी के चुनाव में जल्दबाजी न करें। थोड़ा सोच समझ कर व समय लेकर फैसला करें। दो चार बार मिल कर ही फैसला न लें।
जीवनसाथी का चुनाव करते समय परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में भी जान लें। परिवार की जिम्मेदारियां कितनी हैं, इस बारे में पहले से जान लें तो बेहतर होगा ताकि बाद में परेशानी का सामना न करना पड़े।
जीवनसाथी का चुनाव करते समय केवल शक्ल सूरत को महत्व न दें बल्कि अन्य आवश्यक गुणों पर भी ध्यान दें। यदि लड़का देखने में सुंदर व आकर्षक है किंतु वह किसी अच्छी नौकरी या व्यवसाय में नहीं है तो उसके साथ विवाह बाद में तनावदायक हो सकता है। इसी प्रकार सुंदर व आकर्षक किन्तु चरित्रहीन लड़की से विवाह जीवन को बोझ बना सकता है,
अतः विवाह का निर्णय करने से पूर्व यथासंभव भावी जीवनसाथी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र कर लें। यदि आपको कोई लड़का या लड़की भा जाता है तो भी विवाह का निर्णय तुरंत न लें। अपने निर्णय पर कई बार विचार करने के पश्चात् ही अन्तिम निर्णय लें।
विवाह में केवल आर्थिक स्थिति को ही महत्व न दें बल्कि आर्थिक स्थिति के साथ संपूर्ण व्यक्तित्व की ओर ध्यान दें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…