कवर लेटर में कभी न करें कॉपी-पेस्ट…

कवर लेटर में कभी न करें कॉपी-पेस्ट…

फर्ज कीजिए कि एक कंपनी में तीन लोग एक ही नौकरी के लिए आवेदन करते हैं। इनमें से एक साल भर के ब्रेक के बाद वापसी की कोशिश में लगी महिला है, दूसरा, प्रमोशन के लिए नौकरी बदलने की जद्दोजहद कर रहा एक प्रोफेशनल है और तीसरा, पहली नौकरी तलाश रहा एक युवा है। कंपनी की हायरिंग टीम इनका सीवी देखने की जहमत उठाएगी या नहीं, यह दारोमदार है इनके कवर लेटर्स पर। सीवी का आईना, यानी कवर लेटर किस परिस्थिति में कैसे लिखा जाना चाहिए…

आजकल बहुतेरे बॉलीवुड निर्माता फिल्म के ट्रेलर से पहले उसका टीजर लॉन्च कर देते हैं। एक प्रभावी टीजर दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच भी लाता है। कवर लेटर भी एक फिल्मी टीजर की तरह ही है। विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादातर लोग अपने सीवी पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन कवर लेटर की सामग्री को कॉपी-पेस्ट कर दते हैं। दरअसल कवर लेटर हर बार परिस्थिति के हिसाब से पेश किया जाना चाहिए जैसे-

कई पदों के लिए

कई बार कंपनियां एक साथ कई पदों के लिए विज्ञापन निकालती हैं। ऐसा भी होता है कि लोग एक से अधिक पदों के लिए आवेदन कर देते हैं। उनका मानना होता है कि किसी न किसी पद के लिए उनका चयन हो ही जाएगा। अगर आपके सामने भी ऐसी ही परिस्थिति है तो आपको अलग-अलग कवर लेटर लिखने से कोई फायदा नहीं होगा। जब इन्हें एक ही व्यक्ति देखेगा तो अवश्य ही उसे खीझ होगी। बेहतर होगा कि आप एक ही कवर लेटर बनाएं और उसी में लिख दें कि आप उस कंपनी के कई पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं। ऐसा करते समय भी बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। यह ध्यान रखें कि आप एक ही तरह के पदों के लिए आवेदन करें। ऐसा न करने पर नियोक्ता को लगेगा कि आप नौकरी पाने के लिए बहुत आतुर हैं।

एक जैसे कई पदों के लिए

एक ही तरह के दो पदों के लिए कवर लेटर की सामग्री अलग तरह से लिखी जानी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी पद में टेक्निकल स्किल का अनुभव चाहिए, तो उसमें आपको अपने तकनीकी ज्ञान के बारे कुछ  लिखना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ अगर किसी पद में टेक्निकल स्किल्स के साथ नेतृत्व के हुनर की भी जरूरत है, तो आप उसमें तकनीकी विशेषज्ञता भी दिखाएं। यहां यह भी जरूर बताएं कि इससे पहले आपको टेक्निकल स्टाफ को लीड करने का अवसर कब मिला और आपके काम करने का तरीका क्या रहा।

जब कंपनियां हों अलग

हर कंपनी का काम करने का तरीका अलग होता है, उसके कुछ खास ग्राहक होते हैं। ऐसे में दो अलग-अलग पदों के लिए आवेदन करने से पहले कंपनी के बारे में थोड़ा रिसर्च करना चाहिए और कवर लेटर में उसी के अनुरूप भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से हायरिंग मैनेजर को लगेगा कि आप कंपनी की जरूरतों को समझ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर किसी कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस में आपको कुछ खामियां नजर आ रही हों, तो उन्हें आप कैसे दूर करेंगे, यह आइडिया आप एक लाइन में दे सकते हैं।

ब्रेक के बाद वापसी

कई बार लोगों को विभिन्न कारणों के चलते नौकरी से ब्रेक लेना पड़ता है, जैसे प्रेग्नेंसी ब्रेक या किसी बीमारी के चलते लिया जाने वाला ब्रेक। इस ब्रेक के चलते सीवी में भी अंतर दिखने लगता है। ऐसी स्थिति में अकसर आत्मविश्वास की कमी और हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं। इससे वापसी करने में ये बातें हावी होने लगती हैं। यहां तक कि कवर लेटर और सीवी में भी यह झलकती है। अगर आप भी ऐसी स्थिति में हैं, तो अपने सीवी और कवर लेटर में इसे हावी न होने दें। खाली समय में किए गए कामों को दर्शाएं, जैसे किसी अपने क्षेत्र से संबंधित ब्लॉग के जरिये सक्रिय होना या फ्रीलांस काम करना आदि। गैप को लेकर शर्मिंदा होने की कोई जरूरत नहीं है।

अवसर हैं या नहीं

हर कंपनी उम्मीदवारों के चयन के लिए विज्ञापन नहीं देती। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी कंपनी में हायरिंग नहीं चल रही होती है, लेकिन योग्य उम्मीदवार मिलने पर उन्हें नौकरी पर रख लिया जाता है। अगर आपको किसी जानकार से पता लगता है कि किसी कंपनी में हायरिंग चल रही है, पर उसने इसका कोई विज्ञापन नहीं दिया है, तो आपको सबसे पहले अपने स्रोतों के जरिये नौकरी व पदों के साथ पता लगाएं कि उस जॉब के लिए कंपनी को किस तरह का उम्मीदवार चाहिए। इसके बाद अपने कवर लेटर में उन्हीं गुणों को खासतौर पर दिखाएं। अगर यह पता न लग पाए कि यह लेटर किसे संबोधित करना है, तो आप डियर हायरिंग मैनेजर के संबोधन से लेटर की शुरुआत कर सकते हैं। टू हूम इट मे कंसर्न लिखने से बचें। इस तरह के कवर लेटर को कोल्ड कॉन्टैक्ट कवर लेटर कहते हैं।

पहली नौकरी है तो

यदि आपके पास कवर लेटर में बताने के लिए कोई खास प्रोफेशनल अनुभव नहीं है, तो यह आपके सामने एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए एक ही कारगर उपाय है। आप साबित करें कि आप कैसे अपनी प्रतिभा से कंपनी के अनुभवी लोगों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। जिस नौकरी के लिए आप आवेदन कर रहे हैं, उससे जुड़ी अपनी शैक्षणिक योग्यता और अनुभवों का विवरण दे सकते हैं। अगर उससे संबंधित कोई इंटर्नशिप की है, तो उसके बारे में भी बता सकते हैं। साथ ही किसी समर कोर्स या ट्रेनिंग, वॉलंटियर प्रोग्राम, वर्कशॉप आदि के बारे में भी लिख सकते हैं। किसी ऐसे काम के बारे में भी लिख सकते हैं, जिसमें आपको अपनी नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने का मौका मिला हो।

कुछ जरूरी टिप्स..

-एक अच्छे कवर लेटर की सामग्री एक पेज या उससे भी कम में होनी चाहिए।

-कवर लेटर हमेशा उसी प्रारूप में भेजें, जिसमें मांगा गया है।

-कवर लेटर लिखने के बाद उसे अपने क्षेत्र  से जुड़े किसी जानकार व्यक्ति को पढ़ने के लिए जरूर दें।

-कवर लेटर एक बार तैयार कर हर जगह उसी को भेजने से बचें।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…