परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत जरूरी : डॉ. एस. पी. गौतम पत्रकार दीपक कुमार जनपद शाहजहांपुर…

परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत जरूरी : डॉ. एस. पी. गौतम पत्रकार दीपक कुमार जनपद शाहजहांपुर…

शाहजहांपुर:नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत जरूरी : डॉ. एस. पी. गौतम… 

सीफार के सहयोग से परिवार कल्याण कार्यक्रमों पर मीडिया कार्यशाला हुई आयोजित… 

सीएमओ ने महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों से छोटे सुखी परिवार की अलख जगाने  की अपील… 

परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना… 

शाहजहांपुर 23  जुलाई-2021 । परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की अपेक्षा बहुत ही सरल और आसान है । इसका कोई दुष्प्रभाव भी शरीर पर नहीं पड़ता है, इसलिए किसी भी भ्रम में पड़े बगैर पुरुष वर्ग आगे आये और परिवार पूर्ण होने पर नसबंदी की सेवा का लाभ उठाये । यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस. . गौतम ने  स्थानीय एक होटल में जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा पर स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान कहीं ।

डॉ. लक्ष्मण सिंह अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  ने परिवार कल्याण को लेकर जनपद में चल रहीं स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में विस्तार से बताने के साथ ही परिवार नियोजन की जरूरत पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि उपलब्ध विकास के संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन बनाने के लिए जनसँख्या स्थिरीकरण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है । इसके लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन की सेवाओं व सुविधाओं को प्रदान किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के लिए ही जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े की थीम- “खुशहाली का आधार-पुरुष जिम्मेदार” रखी गयी है ।

डॉ. पी. के. वर्मा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  ने जनप्रतिधियों को परिवार नियोजन सम्बन्धी पत्र सौंपते हुए गाँव में छोटे परिवार के बड़े फायदे की अलख जगाने की अपील की । जनपद के पुरुषों को भी परिवार कल्याण के लिए प्रेरित होना बहुत जरूरी है l  इसके लिए सभी पुरूष एक दूसरे पुरुषों को आशा कार्यकर्ताओं की तरह से  अपने समुदाय के समाज के लोगों तक परिवार कल्याण हित में यह सन्देश पहुंचाएंगे । साथ ही जिले में परिवार कल्याण को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया ।

उन्होंने बताया कि समुदाय में आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से परिवार नियोजन के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है । 27 जून से 10 जुलाई तक चले दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा के तहत आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर  2 लाख 50 हजार योग्य व लक्षित दम्पति से संपर्क कर सूची तैयार कर चुकी हैं, जिन्हें 11 जुलाई से चल रहे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान सेवाएं प्रदान की जा रहीं हैं ।

डॉ . गोविंद स्वर्णकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने  कहा कि परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है । इसके अलावा जनसँख्या कम होगी तो सीमित साधनों का समुचित उपयोग कर सभी को बेहतर जीवन प्रदान किया जा सकता है ।  उन्होंने महिलाओं से अपील की कि अपने व बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दो बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतर जरूर रखें और परिवार जब पूर्ण हो जाए तो नसबंदी की सेवा का लाभ जरूर उठायें । बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए ओरल पिल्स, आईयूसीडी प्रसव पश्चात/गर्भ समापन पश्चात्, त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, हार्मोनल गोली छाया व कंडोम की सुविधा हर स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त उपलब्ध है । इसलिए अनचाहे गर्भ से बचने के लिए इन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है ।

इमरान खान डीपीएम  ने परिवार नियोजन की अस्थायी विधियों के बारे में बताया और त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन के प्रति महिलाओं के बढ़ते रुझान के बारे में भी बताया । उन्होंने कहा कि लोग जागरूक हो रहे हैं और परिवार नियोजन सेवाओं को अपनाने को आगे आ रहे हैं ।  अमित कुमार दुबे ने बताया कि गर्भवती के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर माह की नौ तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है । इसके जरिये उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित किया जाता है और उनके सुरक्षित प्रसव को लेकर खास सतर्कता बरती जाती है । भुवनेश कुमार दीक्षित ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण को लेकर चल रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में बताया, जिसके तहत तीन किश्तों में पांच हजार रूपये सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं ।

पुष्पराज गौतम ने बताया कि   जिले में चल रहीं विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की लोगों से अपील की । उन्होंने स्वास्थ्यगत मुद्दों पर सीफार के कार्यों को भी सराहा और कहा कि समुदाय तक  स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में  फ्रंट लाइन वर्कर की भूमिका सराहनीय है और कहा कि योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में उनका योगदान भी सराहनीय है । कार्यशाला में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों ने भी विभिन्न योजनाओं और उनके लाभार्थियों से जुड़े सवाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से किये ।

कार्यशाला में उपस्थित सीफार के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर लोकेश त्रिपाठी ने बताया कि  कोरोना काल में भी परिवार नियोजन की सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने में विभाग द्वारा निभाई गयी जिम्मेदारी की सराहना की और कहा कि इसीलिए इस बार विश्व जनसँख्या दिवस की थीम- “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” तय की गयी है । उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।सीफार के सहयोग से परिवार कल्याण कार्यक्रमों पर मीडिया कार्यशाला हुई आयोजित

सीएमओ ने महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों से छोटे सुखी परिवार की अलख जगाने  की अपील 

परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना 
शाहजहांपुर 23  जुलाई-2021 । परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की अपेक्षा बहुत ही सरल और आसान है । इसका कोई दुष्प्रभाव भी शरीर पर नहीं पड़ता है, इसलिए किसी भी भ्रम में पड़े बगैर पुरुष वर्ग आगे आये और परिवार पूर्ण होने पर नसबंदी की सेवा का लाभ उठाये । यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस. . गौतम ने  स्थानीय एक होटल में जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा पर स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान कहीं ।

डॉ. लक्ष्मण सिंह अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  ने परिवार कल्याण को लेकर जनपद में चल रहीं स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में विस्तार से बताने के साथ ही परिवार नियोजन की जरूरत पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि उपलब्ध विकास के संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन बनाने के लिए जनसँख्या स्थिरीकरण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है । इसके लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन की सेवाओं व सुविधाओं को प्रदान किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने के लिए ही जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े की थीम- “खुशहाली का आधार-पुरुष जिम्मेदार” रखी गयी है ।

डॉ. पी. के. वर्मा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  ने जनप्रतिधियों को परिवार नियोजन सम्बन्धी पत्र सौंपते हुए गाँव में छोटे परिवार के बड़े फायदे की अलख जगाने की अपील की । जनपद के पुरुषों को भी परिवार कल्याण के लिए प्रेरित होना बहुत जरूरी है l  इसके लिए सभी पुरूष एक दूसरे पुरुषों को आशा कार्यकर्ताओं की तरह से  अपने समुदाय के समाज के लोगों तक परिवार कल्याण हित में यह सन्देश पहुंचाएंगे । साथ ही जिले में परिवार कल्याण को लेकर चलाये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया ।

उन्होंने बताया कि समुदाय में आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से परिवार नियोजन के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है । 27 जून से 10 जुलाई तक चले दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा के तहत आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर  2 लाख 50 हजार योग्य व लक्षित दम्पति से संपर्क कर सूची तैयार कर चुकी हैं, जिन्हें 11 जुलाई से चल रहे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान सेवाएं प्रदान की जा रहीं हैं ।

डॉ . गोविंद स्वर्णकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने  कहा कि परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है । इसके अलावा जनसँख्या कम होगी तो सीमित साधनों का समुचित उपयोग कर सभी को बेहतर जीवन प्रदान किया जा सकता है ।  उन्होंने महिलाओं से अपील की कि अपने व बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दो बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतर जरूर रखें और परिवार जब पूर्ण हो जाए तो नसबंदी की सेवा का लाभ जरूर उठायें । बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए ओरल पिल्स, आईयूसीडी प्रसव पश्चात/गर्भ समापन पश्चात्, त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, हार्मोनल गोली छाया व कंडोम की सुविधा हर स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त उपलब्ध है । इसलिए अनचाहे गर्भ से बचने के लिए इन सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है ।

इमरान खान डीपीएम  ने परिवार नियोजन की अस्थायी विधियों के बारे में बताया और त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन के प्रति महिलाओं के बढ़ते रुझान के बारे में भी बताया । उन्होंने कहा कि लोग जागरूक हो रहे हैं और परिवार नियोजन सेवाओं को अपनाने को आगे आ रहे हैं ।  अमित कुमार दुबे ने बताया कि गर्भवती के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर माह की नौ तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया जाता है । इसके जरिये उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित किया जाता है और उनके सुरक्षित प्रसव को लेकर खास सतर्कता बरती जाती है । भुवनेश कुमार दीक्षित ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण को लेकर चल रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में बताया, जिसके तहत तीन किश्तों में पांच हजार रूपये सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं ।

पुष्पराज गौतम ने बताया कि   जिले में चल रहीं विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की लोगों से अपील की । उन्होंने स्वास्थ्यगत मुद्दों पर सीफार के कार्यों को भी सराहा और कहा कि समुदाय तक  स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में  फ्रंट लाइन वर्कर की भूमिका सराहनीय है और कहा कि योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में उनका योगदान भी सराहनीय है । कार्यशाला में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों ने भी विभिन्न योजनाओं और उनके लाभार्थियों से जुड़े सवाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से किये ।

कार्यशाला में उपस्थित सीफार के स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर लोकेश त्रिपाठी ने बताया कि  कोरोना काल में भी परिवार नियोजन की सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने में विभाग द्वारा निभाई गयी जिम्मेदारी की सराहना की और कहा कि इसीलिए इस बार विश्व जनसँख्या दिवस की थीम- “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” तय की गयी है । उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…