भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब करके जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सुंदरबनी क्षेत्र में रविवार को पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए दो पाकिस्तानी आतंकवादियों के शव ले जाने को कहा है।
विदेश मंत्रालय ने आज यहां एक बयान में यह जानकारी दी। बयान के अनुसार 21 अक्टूबर को सुंदरबनी क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश के दौरान भारतीय सैनिकों पर घातक हमले पर औपचारिक रूप से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दो पाकिस्तानी हथियारबंद घुसपैठिए मुठभेड़ में भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए हैं। पाकिस्तान से कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार अपने नागरिकों के शव अपने कब्जे में ले।
बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की ओर से उकसावे की इस कार्रवाई की कड़ी भर्त्सना की और कहा कि इस घटना से साफ हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को लगातार शह और समर्थन दे रहा है तथा शांति के लिए रचनात्मक संपर्क को बढ़ावा देने के उसके दावे एक छलावा है।
बयान के अनुसार विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा बिना किसी उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस वर्ष 2018 में संघर्ष विराम के उल्लंघन की अब तक 1591 घटनाएं हो चुकी हैं। पाकिस्तान को अपनी द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हुए अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र से भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार के आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देना चाहिए।