पेगासस प्रोजेक्‍ट- क्‍या भारत की राजनीति में कुछ लोग…

पेगासस प्रोजेक्‍ट- क्‍या भारत की राजनीति में कुछ लोग…

सुपारी एजेंट हैं: BJP…

कांग्रेस की ओर से सरकार पर कथित पेगासस प्रोजेक्ट चलाने के आरोप को बीजेपी ने आधारहीन करार दिया है।बीजेपी प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि ये आरोप स्तरहीन हैं।

रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास हमेशा से आधारहीन आरोप लगाने का रहा है। हरियाणा के दो सिपाही राजीव गांधी के आस पास देखे गए तो उन्होंने केंद्र में चंद्रशेखर की सरकार गिरा दी थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस के सारे आरोपों को खारिज करती है।

‘टैपिंग के नाम संसद में बाधा डालने की कोशिश’

रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि फोन टैपिंग के नाम पर जानबूझ कर सदन में बाधा डालने और बेबुनियाद एजेंडा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है,उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिमट रही है।कुछ समय पहले ऐसे ही एक मामले में SC में केस किया गया,कहा गया कि whatsapp को pegasus से hack करवाया जा रहा है,जबकि ऐसा हो ही नहीं सकताखुद वॉटसऐप ने भी सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही।

रवि शंकर ने कहा कि भारत में मजबूत कानूनी ढांचा है,जो लोग सरकार पर फोन सर्विलांस के आरोप लगा रहे हैं,वे भी विश्वास के साथ सबूत नहीं दे पा रहे हैं।ऐसा लगता है कि दुनिया में उभर रहे भारत के खिलाफ एक माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। भारत में जिस तेजी के साथ वैक्सीनेशन बढ़ रहा है, उससे कुछ लोगों को परेशानी हो रही है कि भारत ऐसा कैसे कर पा रहा है। कई लोगों को इस बात से भी परेशानी है कि भारत में सबसे ज्यादा FDI क्यों आ रही है।

‘भारत की राजनीति में कुछ सुपारी एजेंट’

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारत की राजनीति में कुछ लोग सुपारी एजेंट है? जो इस तरह की फर्जी खबरें फैलाकर अपने ही देश की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का स्तर ऐसा हो गया है कि क्या कहना,वह सरकार से उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगती है। गलवान पर जो अब तक कहती रही है, वह सबके सामने है।

रवि शंकर ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी ने उस वक्त के गृह मंत्री चिदम्बरम के खिलाफ स्नूपिंग का आरोप लगाया था,उस बारे में कांग्रेस का क्या कहना है।वर्ष 2013 में हजारों लोगों के फोन टैप होते थे,उसके बारे में कांग्रेस क्या कहती है।बड़ी बात ये है कि कथित पेगासस प्रोजेक्ट का मामले मानसून सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले क्यों सामने आया।

‘डेटा बेस होने का मतलब फोन टैपिंग करना नहीं’

उन्होंने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने वाली एक संस्था का नाम आया है. क्या ये सही नही है कि उनकी बहुत सी कहानियां गलत साबित हुई हैं,उन्होंने एक जज के बारे में झूठी कहानी गढ़ी थी, जो बाद में झूठी निकली।

उन्होंने कहा कि दुनिया में लाखों DATA BASE हैं।जब तक कोई लिंक नहीं देंगे, तब तक कैसे कह सकते हैं कि फोन की टैपिंग हुई।रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जिन्होंने स्टोरी ब्रेक की है,उनके पास कथित डाटा बेस होने का मतलब ये नहीं कि फोन टैप किए गए हैं।उन्होने कहा कि आखिरकर मानसून सत्र से पहले ये सारा मामला सामने आने के पीछे एजेंडा क्या है,देश को इसका पता चलना चाहिए।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…