कवरेज के दौरान थाने में सिपाहियों ने की पत्रकार से अभद्रता…
पीजीआई थाने में 72 घंटे से बैठाए एक व्यक्ति की पूछताछ करने पर सिपाहियों ने की बदसलूकी…
लखनऊ प्रदेश मे पत्रकारों से बत्सालुकी रुकने का नाम नहीं ले रहा | मुख्यमंत्री के आदेशों को दर किनारे रखती है पुलिस और पत्रकारों से कटी है बतसलूकी | ताजा मामला लखनऊ के थाना पी जी आई का जहां एक पत्रकार को थाने पर तैनात सिपाही ने केवल जानकारी पूछने पर उसके साथ बसलूकी की आप को बता दे पीजीआई थाने में तैनात दोनों सिपाही नशे में थे धुत करने लगा पत्रकार से बदतमीजी – सूत्र | रात्रि ड्यूटी में तैनात सिपाही निर्भय सिंह और राजीव चौहान ने पत्रकार से की अभद्रता पत्रकार से थाने से चले जाने को कहा सिपाही निर्भय सिंह ने पत्रकार पीजीआई थाने गया था एक मामले को लेकर के पत्रकार के द्वारा जैसे ही सवाल किया गया पुलिस वाले आग बबूला हो गए|पत्रकार को सूचना मिली कि पीजीआई थाने में मंजुल शुक्ला नाम का 19 वर्षीय व्यक्ति को पुलिस ने 72 घंटे से अधिक समय हो गया है बैठाया हुआ|पत्रकार के द्वारा यह जानने की कोशिश की गई कि मंजूल शुक्ला को अभी 72 घंटे से ज्यादा हो गया है इतने टाइम तक क्यों बैठाया गया है बस इतनी सी बात पर पुलिस वाले आग बबूला हो गए|मंजुल शुक्ला के परिजन पीजीआई थाने का लगा रहे हैं चक्कर नहीं है कोई सुनने वाला पूरे परिवार का यही कहना है यदि पुलिस वाले नहीं छोड़ेंगे मंजुल शुक्ला को तो पूरा परिवार आत्मदाह कर लेगा – सूत्र | बस पत्रकार के द्वारा पूछे गए सवाल पर सारा गुस्सा पत्रकार पर निकालने लगे पुलिसकर्मी|आखिर पत्रकारों का उत्पीड़न कब रुकेगा उत्तर प्रदेश सरकार जो पत्रकारों के हित के लिए बड़ी-बड़ी बातें करती है|कहां गई सरकार कहां गए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कब सुनेंगे पत्रकारों की समस्या को|प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत उच्च अधिकारियों व पुलिस विभाग का निरंकुश आचरण कई सवाल खड़े करता है आखिर क्यों पत्रकारों के सवालों से आग बबूला हो जाते हैं पुलिस वाले|उन्नाव में पत्रकार से बदतमीजी हुई उसी दिन पीजीआई थाने में पत्रकार से बदतमीजी हुई पुलिस के द्वारा पत्रकार से उसकी आईडी कार्ड मांगा गया और उसको कवरेज करने से रोका गया| आज फिर पत्रकारों से पीजीआई थाने में बदतमीजी होती है सिपाही निर्भय सिंह के द्वारा आज फिर कवरेज करने से रोका गया| क्या अब पुलिसकर्मियों को बताना पड़ेगा की पत्रकारों का सम्मान कैसे किया जाता है| पत्रकार को चौथा स्तंभ माना जाता है आज जिस तरह से पत्रकारों के अधिकारों का हनन हो रहा है चिंता का विषय है|
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कब अपने अधिकारियों को पत्रकारों के सम्मान के लिए बोलेंगे पत्रकार अपना जान जोखिम में डालकर कवरेज करता है खबरें प्रकाशित करता है| चाहे भूमाफिया या फिर नशे के कारोबारी या फिर कोई अपराधी हो पत्रकार कभी ना तो डरा है और ना ही डरेगा वह अपना काम पूरी ईमानदारी और लगन के साथ करता रहेगा रास्ते में रुकावटें चाहे जितनी आ जाए लेकिन अपने पथ से कभी विचलित नहीं होगा| इस मामले को उच्च अधिकारी संज्ञान में लें और स्वयं उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी मामले को संज्ञान में लें नहीं तो फिर आर पार की लड़ाई होगी| जिस तरह से पत्रकारों को दबाया जा रहा है डराया धमकाया जा रहा है कवरेज करने से रोका जा रहा है सच्चाई दिखाने नहीं दी जा रही है अधिकारों का हनन हो रहा है इसका जवाब प्रदेश के मुखिया और जिम्मेदार अधिकारियों को देना होगा।
संवाददाता अनुराग तिवारी की रिपोर्ट…