अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों की एटीएस को 14 दिन की रिमांड मिली…

अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों की एटीएस को 14 दिन की रिमांड मिली…

लखनऊ में पहली बार एटीएस की ऐसी घेराबंदी देखी गई 👆

अलकायदा का कथित आतंकी मुसीरूद्दीन 👆

कल पकड़ा गया मुशीर का साथी मिन्हाज 👆

“हिंद वतन समाचार” पर कल दोपहर में चली खबर 👆

अखिलेश बोले- एटीएस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं: मायावती ने कहा- पुलिस अभी तक क्यों बेखबर रही ?

कानपुर से बिल्डर सहित कई लोग हिरासत में लिए गए…

लखनऊ। एटीएस द्वारा राजधानी लखनऊ के दुबग्गा-फरीदीनगर से कल गिरफ्तार किए गए अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों मिनहाज व मसीरूद्दीन उर्फ मुशीर को स्पेशल एटीएस कोर्ट ने 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजने का आदेश दिया, इससे पहले कोर्ट ने दोनों को जुडीशियल कस्टडी में जेल भेजने का आदेश दिया था। कल सुबह 10 बजे से एटीएस की कस्टडी रिमांड पर रहेंगे दोनों आतंकी।
एटीएस ने इन दोनों को अत्यंत कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में कोर्ट में पेश किया था। इस बीच एटीएस की छापेमारी के दौरान मौके से भाग निकले इनके साथियों की तलाश में कल रात से आज दिन कई जिलों में छापेमारी की। बताया जा रहा है कि कानपुर में एटीएस की दो टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। कहा जा रहा है कि पकड़े गए आतंकियों ने कानपुर से ही नए मोबाइल खरीदे थे। हिरासत में लिए गए लोगों में कानपुर शहर का एक बड़ा बिल्डर भी बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि चमनगंज निवासी बिल्डर का नाम वसी है। आतंकी कनेक्शन की आशंका के चलते उठाए गए बिल्डर को एटीएस अपने साथ लखनऊ ले गई है।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं बसपा प्रमुख मायावती ने कथित आतंकियों की गिरफ्तारी पर बयान जारी कर सवाल भी उठा दिए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कल इस संबंध में पत्रकारों द्वारा प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा था कि एटीएस व पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, वहीं बसपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि यूपी पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भंडाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है और उचित कार्रवाई होनी चाहिए वरना इसकी आड़ में कोई राजनीतिक नहीं होनी चाहिए जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है।
मायावती ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि यूपी विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही ? यह वह सवाल है जो लोग पूछ रहे हैं। अतः सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े। (12 जुलाई 2021)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,