हादसे के बाद एक साथ निकलीं छह अर्थियां…

हादसे के बाद एक साथ निकलीं छह अर्थियां…

आसपास का माहौल गमगीन, मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं…

सरैया (मुजफ्फरपुर) , 03 जुलाई। थाना क्षेत्र के सहदानी गांव से शुक्रवार की शाम जैसे ही एक साथ छह अर्थियां निकलीं, स्वजनों की दहाड़ से आसपास का माहौल गमगीन हो उठा। मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। मृतकों के स्वजनों को सांत्वना देने की भी हिम्मत कोई उठा नहीं सके। सभी कभी एकटक शवों को निहारते रहे तो कभी विलाप करते स्वजनों को । किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्यों इनकी दुनिया ही उजड़ गई। मौके पर मौजूद लोग उस ट्रक चालक को कोसते नजर आए जिसकी लापरवाही से एक साथ छह लोगों की मौत हो गई। सभी शवों को रेवा घाट ले जाया गया जहां उनका दाह संस्कार गमगीन माहौल में संपन्न हुआ। लोगों का कहना था कि ऐसी हृदय विदारक घटना सरैया व आसपास के क्षेत्र में पहली बार हुई है। सभी मृतक एक ही खानदान से जुड़े बताए गए।

ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना से लोग इतने आहत थे कि किसी के घर में चूल्हा तक नहीं जला। घटना के समय तक अधिकतर लोगों ने खाना भी नहीं बनाया था। हादसे के बाद तो खाना बनाने या भूख का अहसास भी नहीं हुआ। शुक्रवार की शाम तक अधिकतर घरों के बूढ़े-बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक भूखे रहे।

दशरथ पासवान के घर में सभी लोग एक साथ टीवी देख रहे थे। ट्रक उस घर में घुसता, तब तक बिजली का पोल सामने रक्षक कवच बन गया। बिजली पोल के कारण दशरथ पासवान के घर में ट्रक नहीं घुसा और पांच जिंदगी एक साथ बच गई। उनका कहना था कि अगर बिजली पोल बीच में नहीं होता तो टीवी देख रहे सभी लोगों की भी मौत हो जाती।

गुरुवार की रात हादसे में हो रही बच्चों की मौत से ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि प्रशासन को शव उठाने नहीं दिया। अधिकारियों की सारी मेहनत बेकार हो गई और लोग टस से मस नहीं हुए। लोग मृतकों के स्वजन को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे जिसे रात होने के कारण प्रशासन पूरा नहीं कर सका। शुक्रवार की सुबह प्रशासन द्वारा मुआवजे का चेक देने के बाद ही लोगों ने पुलिस को शव सौंपा।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…