नए दौर के ट्रेंडी वर्कआउट्स…
स्वस्थ और फिट बने रहने के लिए नियमित एक्सरसाइज जरूरी है। लेकिन रुटीन फिटनेस रजीम मसलन ट्रेडमिल, सायक्िलग, जिमिंग और अन्य फिजिकल एक्सरसाइजेज से आधुनिक युवा बोर हो जाते हैं। यही वजह है कि अकसर लोग सप्ताह या महीने भर एक्सरसाइज के बाद नियम से भटकने या व्यायाम न करने के बहाने बनाने लगते हैं। फिटनेस एक्सपर्ट्स की मानें तो एक्सरसाइज रुटीन को रुचिकर बनाया जाना चाहिए। इससे उसका तारतम्य टूटता नहीं है। साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करके स्वस्थ जीवन का आनंद भी लिया जा सकता है। यहां फिटनेस एक्सपर्ट एवं न्यूट्रिशनिस्ट नीरज मेहता बता रहे हैं नए वर्कआउट ट्रेंड्स के बारे में, ताकि आपका फिटनेस रेजीम रुचिकर हो जाए। फिटनेस के नए तरीके न सिर्फ बेहद प्रभावी और कम समय लेने वाले हैं, बल्कि ये बॉडी की टोनिंग करने के साथ-साथ तनाव भी दूर करते हैं। इसलिए अगर आप अपने पुराने वर्कआउट रुटीन से बोर हो गए हैं तो फिट रहने के लिए यहां दिए गए नए तरीके अपना सकते हैं…
रन एंड फन
जैसा कि नाम से जाहिर है, इस वर्कआउट में कंप्लीट फन और फिटनेस मिलती है। इसमें कुछ रुकावटों के साथ विभिन्न गति वाली लंबी दौड मसलन एनिमल वॉक, डक वॉक, वॉल क्लाइम्बिंग, क्रॉलिंग, कोऑर्डिनेटेड डांस स्टेप्स, लॉन्ग और हाइ जंप्स शामिल होती हैं। इस तरह के वर्कआउट घर या बाहर कहीं भी कर सकते हैं। इस वर्कआउट का मकसद एक्सरसाइज को दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण बनाए रखना है। लेकिन साथ ही इसमें वर्कआउट के महत्वपूर्ण तत्वों जैसे गति, सामर्थ्य, लचीलापन और सहनशक्ति को भी कायम रखा जाता है।
फ्यूजन फिटनेस
अलग-अलग वर्कआउट के कॉम्बिनेशन को फ्यूजन फिटनेस कहते हैं। मसलन कोर स्ट्रेंथ, मस्कुलर स्ट्रेंथ, शरीर संतुलन, गति और सामर्थ्य। इसमें अलग-अलग तरह की क्रियाएं भी शामिल होती हैं जैसे- योग, एक्सट्रीम बॉडी स्ट्रेच, पिलातज, स्पिनिंग, सर्किट ट्रेनिंग, बूट कैंप, जुंबा, बॉडी वेट ट्रेनिंग, हाइ इंटेंसिटी कार्डियो, किक बॉक्सिंग, फन एंड रन, फ्लोर एरोबिक्स। इस तरह के वर्कआउट के परिणाम अच्छे होते हैं। खास तौर पर व्यस्त जीवनशैली वाले लोगों के लिए ऐसा वर्कआउट बेहतरीन होता है।
हिट एंड फिट
यह फिट रहने के लिए एक चुनौती भरा वर्कआउट है। लेकिन थोडा-बहुत बदलाव करके इसे कोई भी कर सकता है। यह एक फिटनेस प्रोग्राम है, जिसमें तमाम तरह की वेट रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और फंक्शनल मूवमेंट्स शामिल होते हैं। इनके साथ ही इसमें बॉडी वेट ट्रेनिंग, फ्री हैंड एक्सरसाइजज जैसे पुश-अप्स, स्कॉट्स, वेटलिफ्िटग, हाइ जंप्स, जिमनास्टिक्स, रनिंग और रोइंग जैसे वर्कआउट्स आदि भी शामिल होते हैं।
वॉक एंड टॉक
यह खुली हवा में ग्रुप के साथ किया जाने वाला वर्कआउट है। यह आधुनिक जीवनशैली की दरकार भी है। यानी साथियों से बातचीत करते हुए टहलना भी हो जाता है। चाहें तो दो-तीन ग्रुप के साथ बात करते हुए तज चलने की प्रतियोगिता भी कर सकते हैं। इस तरह जोश में ब्रिस्क वॉक भी हो जाएगी।
स्टील फ्लेक्स
स्टील फ्लेक्स एक विशेष प्रकार का स्ट्रेचिंग रुटीन है, जो शरीर का लचीलापन बढाता है। यह डायनेमिक योग और स्टैटिक स्ट्रेचिंग का मिला-जुला रूप है, जिसमें डंबल्स और अन्य प्रॉप्स की मदद से किसी बॉडी पार्ट की अधिकतम स्तर तक स्ट्रेचिंगकी जाती है। ये फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग की नई तकनीक है, जिसमें शरीर के जोडों और कनेक्टिंग टिश्यूज को फायदा पहुंचाने वाले मूवमेंट्स, पोश्चर्स और ब्रीदिंग पैटर्न पर विशेष बल दिया जाता है। इस वर्कआउट तकनीक की सबसे अच्छी बात यह है कि इससे सभी 4 तरह की मसल्स कॉन्सट्रैक्शन प्रक्रिया को लाभ पहुंचता है।
एक्स्ट्रीम स्ट्रेच
मसल्स को टोन-अप करने और लचीलापन बढाने के लिए यह स्ट्रेचिंग रुटीन फायदेमंद है।
फ्लाइव्हील
यह बेहद तीव्र गति की स्पिन बाइक ग्रुप क्लास होती है, जिसमें व्यक्ति को 45-50 मिनट तक जिम में बाइकनुमा मशीन चलानी होती है। इस दौरान पहाड पर चढने जैसा उपक्रम करना होता है और इस दौरान हाथों में डंबल्स लेकर मूवमेंट्स भी करने होते हैं। म्यूजिक इस वर्कआउट का अहम हिस्सा है और इसकी कोरियोग्राफी आमतौर पर पहले ही कर ली जाती है। इस वर्कआउट में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी किए जा सकते हैं। इसमें व्यक्ति के कंफर्ट लेवल के हिसाब से फ्लाइव्हील पाजीशन तय की जाती है।
जिम ट्रेनिंग में पहले जो इक्विपमेंट्स इस्तेमाल करते थे, वही आप नए जमाने के वर्कआउट ट्रेनिंग में भी कर सकते हैं। बस उनके मूवमेंट्स थोडे बदले होंगे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…