खाद एवं बीज विक्रेताओं से लखनऊ में चल रही है वसूली….?

खाद एवं बीज विक्रेताओं से लखनऊ में चल रही है वसूली….?

महंगें दामों पर खरीदने पर किसान मजबूर: जिला कृषि अधिकारी के विरुद्ध मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र…

दो वर्ष पहले विधायक ने भी की थी शिकायत…

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में काफी समय से तैनात जिला कृषि अधिकारी ओ. पी. मिश्रा पर आरोप है कि वे शासकीय धन की लूट के साथ ही जनपद के खाद एवं बीज के दुकानदारों से अवैध वसूली कर किसानों को अधिक दर खाद की बिक्री करवा रहे हैं। शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार का कहना है कि इनके इस अवैध कृत्य में कार्यालय के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं। मजे की बात यह है कि ओ.पी. मिश्रा के खिलाफ विधायक व अन्य लोग भी मुख्यमंत्री को 2 साल पूर्व ही पत्र लिख चुके हैं, परन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अहलाद खेड़ा-जौखड़ी, गोसाईगंज निवासी प्रमोद कुमार द्वारा 22 जून को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मेरे द्वारा की गई शिकायत के संबंध में पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष नीरज कटियार ने 27 अप्रैल 2019 को एवं विधायक कुंवर मानवेन्द्र प्रताप सिंह “रानू” द्वारा 12 जून 2019 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था। इसके अलावा भाकियू के अध्यक्ष रामचंद्र वर्मा ने इसी संबंध में 10 फरवरी 2019 को कृषि मंत्री व कृषि उत्पादन आयुक्त को तथा समेसी-मोहनलालगंज के राम सनेही ने भी 24 मई 2019 को मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था।
शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार का यह भी कहना है कि कृषि निदेशक ने ओपी मिश्रा पर लगे आरोपों की जांच संयुक्त कृषि निदेशक लखनऊ मंडल वीके सिसोदिया से कराई थी। मैंने आरोपों के संबंध में साक्ष्य एवं शपथ-पत्र भी जांच अधिकारी को दिया था। प्रमोद कुमार दो बार कृषि निदेशक से स्वयं भी मिल चुके हैं। मगर अभी तक ओपी मिश्रा के विरुद्ध न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही उनका ट्रांसफर किया गया। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि जिला कृषि अधिकारी कर्मचारियों के माध्यम से उन्हे धमका रहे हैं कि कृषि मंत्री उनके गांव के हैं तथा एक राज्यपाल उनके रिश्तेदार हैं, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
पत्र में कहा गया है कि शासन द्वारा “आयुष मिशन” के अंतर्गत जनपद के डेहवा प्रक्षेत्र पर अनेकों कार्य हेतु आगामी तीन वर्षों हेतु योजना चलाई जा रही है। उक्त प्रक्षेत्र पर विभाग द्वारा रामसागर गुप्ता प्राविधिक सहायक की नियुक्ति की गई थी, परंतु ओपी मिश्रा ने उन्हे प्रक्षेत्र से हटाकर जनपद कार्यालय में तैनात कर लिया ताकि उनका भ्रष्टाचार छुपा रहे और कागज पर विकासखंड काकोरी में तैनात सहायक विकास अधिकारी (कृषि) विजय मिश्र को वहां तैनात कर दिया गया। आरोप लगाया गया है कि पूरे जनपद के खाद/बीज विक्रेताओं से अवैध वसूली की जा रही है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि श्री मिश्र वर्ष 2010 से 2013 तक इसी पद पर रहे हैं, तदोपरांत वर्ष 2017 में से अभी तक पुनः कार्यरत हैं। इनके द्वारा इस वर्ष भी अपना स्थानांतरण रुकवाने हेतु लगातार प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि इनका जिले से बाहर ट्रांसफर कर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट…