पत्नी की हत्या के बाद फंदे से लटका…
नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर में एक अधेड़ ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद खुद भी फंदे से लटककर जान दे दी। मंगलवार सुबह परिजनों ने कमरे में 56 वर्षीय राजबीर को फंदे से लटकता, जबकि उसकी पत्नी 52 वर्षीय संतोष देवी को खून से लथपथ जमीन पर पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी। पत्नी की हत्या के बाद राजबीर ने उसके खून से कमरे की दीवार पर सुसाइड नोट लिखा था। इसमें उसने लिखा था कि हत्या के लिए वह खुद ही जिम्मेदार है और बच्चों का इससे कोई लेनादेना नहीं है। फिलहाल, वारदात की वजह का पता नहीं चला सका है। पुलिस हत्या का केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
मृतक राजबीर मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित नवाली गांव का रहने वाला था। वह करावल नगर के जौहरीपुर स्थित टूंडा नगर में परिवार के साथ रहता था। परिवार में चार बेटे रवीश कुमार, रामधारी, राजेश्वर और प्रवीण हैं। रवीश और रामधारी शादीशुदा हैं। राजबीर अपनी पत्नी संतोष देवी के साथ मकान में भूतल पर रहता था, जबकि सभी बेटे ऊपर की मंजिलों पर रहते हैं। राजबीर पहले डीटीसी में नौकरी कर रहा था, लेकिन उसका डीटीसी से विवाद होने के बाद मुकदमा चलने लगा। फिलहाल वह अपनी पत्नी व छोटे बेटे प्रवीण के साथ मिलकर घूम-घूमकर सब्जी बेचने लगा था।
राजबीर रोजाना सुबह प्रवीण के साथ मंडी से सब्जी लेने के लिए जाता था। मंगलवार तड़के प्रवीण मंडी चलने के लिए पिता को जगाने लगा तो दरवाजा नहीं खुला। काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुलने पर प्रवीण ने अन्य भाइयों को जानकारी दी। अन्य तीन भाई नीचे आए और चारों ने मिलकर दरवाजा तोड़ा दिया। अंदर देखा तो मां जमीन पर खून से लथपथ मृत पड़ी थी, जबकि पिता का फंदे से शव लटका हुआ था। सुबह सात बजे मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में पता चला कि राजबीर ने पत्नी का गला घोंटने के बाद सिर पर किसी भारी वस्तु से मारा। फिर फंदा लगाकर खुद लटक गया। पुलिस राजबीर के दीवार पर लिखे नोट की जांच कर रही है। साथ ही घटना की वजह का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस जांच में पता चला कि करीब दो माह पहले संतोष देवी गांव नवाली गई थी। वह वहीं रुकी हुई थीं। करीब 10 दिन पहले राजबीर भी गांव गया था। दोनों तीन दिन पहले ही गांव से लौटे थे। इसके बाद प्रवीण के साथ मिलकर दोनों फिर सब्जी बेचने लगे थे। सोमवार रात को तीनों सब्जी बेचकर करीब 8:30 बजे वापस आए थे। भोजन करने के बाद सब अपने कमरे में सोने चले गए। मंगलवार सुबह दोनों की मौत के बारे में पता चला।
पूछताछ के दौरान पता चला कि राजबीर बेहद शांत स्वभाव का था। वह किसी से तेज आवाज में बात भी नहीं करता था। परिवार में किसी का कोई विवाद भी नहीं चल रहा था। बड़ा बेटा रवीश और तीसरे नंबर का बेटा राजेश्वर निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। वहीं रामधारी डीटीसी में परिचालक है। छोटा बेटा प्रवीण माता-पिता के साथ ही सब्जी बेचता था। पुलिस यह भी पता चलाने का प्रयास कर रही है कि गांव में उनका कोई विवाद तो नहीं हुआ था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…