कोविड-19 वैक्सीन का अभाव राष्ट्रीय शर्म का विषय है -रा लो द…
लखनऊ 04 जून। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा ने आज केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में 36000 करोड़ रुपए कोविड-19 के लिए आवंटित किये थे। उस लिहाज से अगर देखा जाए तो अगर हम वैक्सीन की कीमत 160(डेढ़ सौ रुपए )भी मान लें तो अब तक 100 करोड़ देशवासियों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग जाती और इसमें मात्र 30000 करोड़ रुपए ही खर्च होते हैं। 5000 करोड़ रुपए को वैक्सीन हेतु आधारभूत ढांचे के निर्माण व वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर भी यदि खर्च किया गया होता तो भी 1000 करोड़ रुपए कोरोना के उपरांत के उपचार पर खर्च किए जा सकते थे।
केंद्र सरकार की लापरवाही की ओर इशारा करते हुए अनुपम मिश्रा ने कहा कि देश में मई माह में वैक्सीन की उत्पादन क्षमता लगभग 8.5 (साढे आठ करोड़ )थी। बावजूद इसके 5600000 कम टीकों का उत्पादन समझ से परे है। उससे भी अधिक हैरानी की बात यह है कि वैक्सीन भी सिर्फ 6.1 करोड़ लोगों को ही लगाई गई ,तो फिर शेष वैक्सीन का क्या हुआ ?और वह क्यों नहीं लगाई गई? इस बात की ना तो कोई जवाबदेही तय की गई ना सरकार ने ऐसे महामारी के समय में इस गम्भीर विषय पर कोई ध्यान दिया। जो स्वयं सरकार की इस महामारी के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। अनुपम मिश्रा ने केंद्र सरकार से जनता के सब्र का इम्तिहान न लेने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी सिर्फ जनता को इतना बता दें कि इस सरकार का यह दावा कितना विश्वसनीय व भरोसे लायक है जिसमें यह कहा गया है कि जून के माह में सरकार 12 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन करेगी। देश की जनता जानना चाहती है कि आखिर कैसे ? जब देश की वैक्सीन की उत्पादन क्षमता 8:50 करोड़ है तो अचानक जून में 12 करोड़ वैक्सीन कैसे उत्पादित की जाएंगी। क्या वैक्सीन उत्पादन में लगभग 40% की बढ़ोत्तरी देश ने प्राप्त कर ली है?अनुपम मिश्रा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो देश विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक है वह देश स्वयं की जनता को वैक्सीन के अभाव में मरने को अगर छोड़ दें तो यह राष्ट्रीय शर्म की बात है।
अनुपम मिश्रा ने कहा कि हम एक वर्ष से अधिक समय से इस महामारी से जूझ रहे हैं और हजारों लोग प्रतिदिन वैक्सीन तथा लचर स्वास्थ्य सुविधाओं अभाव में मौत के मुंह में समा रहे हैं और लाखों लोग आज भी संक्रमित हो रहे हैं ।जहां कई देश अपने यहां आधी से अधिक आबादी का टीकाकरण कर चुके हैं। वहीं हम अब तक सिर्फ़ 3.4%पर्सेंट आबादी को वैक्सीनेट कर पाए हैं इसका कारण अतिआत्मविश्वास,अदूरदर्शिता व ठोस कार्य योजना का अभाव रहा है। मुझे तो टीकाकरण पर केन्द्र सरकार की नीति दिग्भ्रमित सी प्रतीत होती है!
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…