*कोविड के कारण माता-पिता को गंवा देने वालों बच्चों की पालनहार बनी योगी सरकार…..*
*बच्चों की पढ़ाई के साथ ही विवाह का खर्च और लैपटॉप व टेबलेट भी मिलेगा*
*पीए केयर फंड से भी मिलेगी बच्चों को मदद*
*लखनऊ।* प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को गंवा देने वाले निराश्रित बच्चों का सहारा योगी आदित्यनाथ सरकार बनेगी। इन बच्चों को बाल सेवा योजना के अंतर्गत इनके बालिग होने तक योगी आदित्यनाथ सरकार सारा खर्च उठाएगी।
कोरोना वायरस संक्रमण की विभीषिका के कारण प्रदेश में कई बच्चों के माता-पिता का असमय देहान्त हो गया है। ऐसे बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सहित विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इन बच्चों के प्रति संवेदना का भाव रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल सेवा योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को गंवा देने वाले निराश्रित बच्चों के भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शनिवार को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई के साथ ही विवाह का खर्च सरकार देगी। इनकी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सरकार लैपटॉप व टेबलेट भी देगी।
कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने ले ली है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सरकार केयर टेकर को अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए 4,000 रुपया प्रतिमाह देगी, जिन बच्चों ने दस वर्ष की कम उम्र में ही अपने मां-बाप को खो दिया है उनको राजकीय बाल गृह में रखा जाएगा। अवयस्क बच्चियों की देखभाल के साथ और पढ़ाई के लिए उनको कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में रखा जाएगा।
राज्य सरकार की अभिनव पहल के बारे में औपचारिक घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे, तो उन्हे अथवा विधिक अभिभावक को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हों तो राज्य सरकार द्वारा उनकी समुचित देखभाल की जाएगी। ऐसे बच्चों को जीवन में उन्नति के सभी अवसर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार सभी जरूरी प्रबन्ध करने के लिए तत्पर है। इसी भावना के साथ “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” प्रारंभ की जा रही है। अटल आवासीय विद्यालयों में भी बच्चों की देखभाल की जाएगी। यूपी सरकार अनाथ बालिकाओं की शादी के लिए भी एक लाख एक हजार रुपए देगी। इसके साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले और व्यवसायिक शिक्षा लेने वाले बच्चों को टेबलेट और लैपटॉप भी दिया जाएगा।
*कोरोना काल में अनाथ हुए 555 बच्चे चिन्हित…..*
कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए 555 बच्चों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है। सभी जिलों के डीएम से भी रिपोर्ट मांगी गई है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनाएं संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एलान किया है कि कोरोना की वजह से जिन बच्चो के दोनों पैरंट्स की मौत हो गई है या फिर अभिभावक की मौत हो गई है, उनकी पीएम केयर्स फंड से मदद की जाएगी। 18 वर्ष का होने के बाद ऐसे बच्चों को मंथली स्टाइपेंड दिया जाएगा और 23 वर्ष का होने पर 10 लाख दिए जाएंगे।
*संवाददाता अयान खान की रिपोर्ट, , ,*