पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा शरीर सम्बन्धी अपराधांे की…

पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा शरीर सम्बन्धी अपराधांे की…
रोकथाम के सम्बन्ध में और अधिक प्रभावी कार्यवाही हेतु दिये दिशा निर्देश… 
लखनऊ 24 मई। एच0सी0 अवस्थी, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी, कानपुर, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/ पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद/रेलवेज उ0प्र0 को शरीर सम्बन्धी अपराधों/ आपसी रंजिश के कारण हत्या जैसे अपराधों पर प्रभावी रोकथाम/अंकुश लगाने हेतु पूर्व में निर्गत परिपत्र एवं समय-समय पर दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करते हुए कार्य योजना तैयार कर और अधिक प्रभावी कार्यवाही हेतु पुनः निम्न दिशा निर्देश दिये गये:-
 क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारियों द्वारा समस्त ग्रामों/मोहल्लों का भ्रमण कर इस बात की समीक्षा कर ली जाये कि कही किसी प्रकार की रंजिश व वैमनस्यता तो नहीं है। यदि वैमनस्यता/रंजिश परिलक्षित होती है, तो तत्काल आवश्यक निरोधात्मक कार्यवाही की जाये।
 हत्या के ऐसे अभियोग जिनका अनावरण नहीं हुआ है, उनका क्षेत्राधिकारियों के निकट पर्यवेक्षण में अनावरण की कार्यवाही करायी जाये।
 थाना क्षेत्र के प्रत्येक रंजिश/विवादांे का अंकन ग्राम/मोहल्ला विवाद रजिस्टर में कर लिया जाय तथा स्थलीय निरीक्षण भी किया जाये। बीट उप निरीक्षक द्वारा अपने-अपने वीट के विवादों की निगरानी की जाये एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी समीक्षा भी की जाये।
 बीट प्रणाली को और प्रभावी बनाते हुये महत्वपूर्ण सूचनाओं के संग्रहण हेतु थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की जाये। थाना स्तर पर ग्राम/मोहल्लो में प्रचलित अथवा उत्पन्न तनाव/विवाद को बीट उ0नि0/बीट आरक्षी द्वारा चिन्हित किया जाये। थाना प्रभारी द्वारा नियमित रूप से बीट बुक का निरीक्षण किया जाये।
 अपराधिक छवि के व्यक्तियों पर सर्तक दृष्टि रखी जाये। ऐसे अपराधी जो हत्या जैसे अपराधों के प्रकरणों में बार-बार नामित/प्रकाश में आये हैं तथा जमानत पर हो, उनकी जमानत निरस्तीकरण की नियमानुसार कार्यवाही की जाये।
 प्रत्येक थाना क्षेत्र में पेशेवर हत्यारों व अवैध शस्त्र बनाने वालों को चिन्हित कर उनकी सतत् निगरानी की जाये। किसी प्रकार के विधिविरूद्ध गतिविधियां प्रकाश में आने पर तत्काल नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाये।
 किसी भी विवादित प्रकरण के सम्बन्ध में नियमानुसार निरोधात्मक कार्यवाही की जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि धारा 116(3) दं0प्र0सं0 के अन्तर्गत अधिक से अधिक धनराशि में पाबन्द कराने, एवं शस्त्र लाइसेन्स के निलम्बन/निरस्तीकरण के सम्बन्ध में प्रभावी पैरवी कर तत्काल शस्त्र जमा कराने की कार्यवाही की जाये।
 अवैध असलहों के प्रयोग से हुयी हत्या की घटना की समीक्षा करते हुये हत्या में प्रयोग किये गये अवैध शस्त्र के प्राप्त करने के श्रोतो के बारे में जानकारी कर उनके विरूद्ध भी प्रभावी वैधानिक कार्यवाही कराना सुनिश्चित किया जाये।
 हत्या सम्बन्धी अभियोगों की विवेचना का पर्यवेक्षण गहनता से करते हुये आरोप पत्र मा0 न्यायालय में समय से प्रेषित किया जाये। हत्या के जो प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं उन प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी पैरवी कराते हुये मा0न्यायालय में आरोपी को दण्डित कराने का यथा प्रयास किया जाये।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा एक कार्यशाला के माध्यम से जनपदों में नियुक्त सभी अधिकारियों/कर्मचारियांे को दिये गये निर्देशो से अवगत कराते हुए कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…