*बाराबंकी “मस्जिद” मामले में 8 लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज…..*
*“हिंद वतन समाचार” पर 20 मई को दिन में चली खबर* 👆
*रिपोर्ट में कहा गया कि अवैध रूप से निर्मित इकाई को धोखे से वक्फ संपत्ति घोषित करवाया गया था*
*नामजद लोगों में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तत्कालीन निरीक्षक का नाम भी शामिल*
*लखनऊ/बाराबंकी।* राजधानी से सटे बाराबंकी जिले की रामसनेहीघाट तहसील प्रागंण में उप जिलाधिकारी के आवास के सामने स्थित “100 वर्ष पुरानी मस्जिद” को कथित रूप ध्वस्त किए जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुवार की रात रामसनेहीघाट थाने में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के तत्कालीन निरीक्षक सहित 8 नामजद व अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध आईपीसी की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। दर्ज कराई गई एफआईआर में ध्वस्त निर्माण स्थल, जिसे प्रशासन द्वारा कब्जे में लिया गया है, को अवैध रूप से निर्मित इकाई कहा गया है।
बाराबंकी के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी/सहायक सर्वे आयुक्त वक्फ सोनू कुमार की ओर से गुरुवार की रात 9 बजकर 22 मिनट पर रामसनेहीघाट थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मुश्ताक अली (अध्यक्ष), वकील अहमद (उपाध्याय), मो. अनीश (सचिव) एवं सदस्य दस्तगीर, मो.नदीम व अफजाल ने कमेटी बनाकर तहसील रामसनेहीघाट के प्रागंण में उप जिलाधिकारी के आवास के सामने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निर्मित इकाई को कूट रचना करके उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के तत्कालीन निरीक्षक मो. ताहा व अन्य की मिलीभगत से 5 जनवरी 2019 को वक्फ संपत्ति घोषित करवा लिया, जो कि तहसीलदार रामसनेहीघाट की जांच में भी प्रमाणित हो गया है कि इस इकाई को अवैध तरीके से सरकारी भूमि पर बनाया गया है।
पुलिस ने उपरोक्त लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419/420/467/468 एवं 471 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में नामजद लोगों में मो. ताहा को छोड़कर अन्य सभी बाराबंकी के सुमेरगंज धरौली निवासी बताएं गए हैं। (21मई 2021)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*