लखनऊ की मस्जिदों में दुआ के साथ ही मदद की “सांस” भी बांटी जा रही है…
शवों के अंतिम संस्कार में भी पीछे नहीं हैं मुस्लिम युवक 👆 मदद में हिंदू-मुस्लिम नहीं, इंसानियत की सेवा 👆
रचित कुकरेजा: जितनी तारीफ की जाए कम है 👆 “राहत-ए- इंसानियत फाउंडेशन” ने भी बढ़ाए मदद के हाथ 👆
कोरोना पीड़ित हिंदुओं की भी दिल खोलकर की जा रही है मदद: घरों तक पहुंचा रहें हैं आक्सीजन सिलेंडर…
शवों का अंतिम संस्कार करने में भी मुस्लिम युवक पीछे नहीं…
लखनऊ। प्यार-मोहब्बत, इंसानियत और अपनी तहजीब के लिए मशहूर अवध की नगरी लखनऊ में कोरोना के इस महामारी के दौर में भी सांप्रदायिक सदभाव की मिसाल देखने को मिल रही है। लखनऊ की कई मस्जिदों से कोरोना के मरीजों को मुफ्त में ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर, सिलेंडर, खाने का सामान मुफ्त दिया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि मदद करने में हिंदू-मुस्लिम नहीं देखा जा रहा है। लालबाग जामा मस्जिद की कमेटी ने तो हिंदू भाइयों के लिए 50 फीसदी से ज्यादा सामान रिजर्व कर रखा है, वे लोग पीड़ित हिंदुओं की दिल खोलकर मदद कर रहे हैं।
मस्जिद कमेटी ने ये नियम बनाया है कि 50 फीसदी से ज्यादा ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर गैर मुस्लिम मरीजों को दिए जाएंगे, ताकि कोई ये न कह सके कि मस्जिद से सिर्फ मुसलमानों की मदद की जा रही है। लालबाग जामा मस्जिद में दुआ भी हो रही है और दवा भी कर रहे हैं। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जुनून नोमानी कहते हैं कि काफी सामान बांट चुके हैं और आगे भी लोगों की मदद करते रहेंगे। उन्होने कहा कि लोग यहां पर आते हैं और रोने लगते हैं, रात में 3-4 बजे भी हमारे पास लोगों के फोन आते हैं और मदद की गुहार लगाते हैं, हम ऐसे जरूरतमंदों की मदद में लगे हुए हैं। मस्जिद में मदद की आस लेकर आए रचित कुकरेजा ने बताया कि उनके पिता का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था, कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हे एक ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर मिल गया जिससे उनके पिता की जान बच गई। उन्होने बताया कि उनके एक मित्र ने मस्जिद के बाहर लगे मदद के बैनर को देखकर इसके बारे में बताया था।
इसी तरह प्रमोद शर्मा, सुबोध चंदन एवं राकेश कुमार आदि भी मस्जिद कमेटी की ओर से मिली मदद की तारीफ करते नहीं थक रहे। आलमबाग के राकेश कुमार की मां बीमार थीं, कंसेंट्रेटर की जरूरत थी। काफी परेशान थे यहां आराम से मिल गया। जुनून नोमानी का कहते हैं कि शहर में हिन्दुओं की संख्या मुस्लिमों से ज्यादा है, लिहाजा ये बीमारी भी उनमें ज्यादा है। गैर मुस्लिमों के लिए 50 फीसदी मदद आवंटित करने का यही मकसद है। वे ये भी कहते हैं कि ये कोई बड़ी बात नहीं है, हम सिर्फ इंसानों की मदद कर रहे हैं। हम हिन्दू-मुसलमान नहीं देख रहे हैं, हर जरूरतमंद आदमी का यहां इस्तकबाल है। मस्जिद में मदद के लिए आए लोगों के अलावा नोमानी साहब व उनकी कमेटी के लोग उन लोगो के घर तक जाकर भी मदद पहुंचा रहें हैं, जिनके घर कोई बड़ा नहीं है या वे खुद अपने मरीज तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहें हैं।
जुनून नोमानी ने “हिंद वतन” को बताया कि राजाजीपुरम में रहने वाले एक परिवार ने उनसे मैसेज कर मदद मांगी। परिवार की महिला कोरोना संक्रमित होने के चलते होम आइसोलेट थीं, पर परिवार के लोग आक्सीजन सिलेंडर उनके पास जाकर लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। पीपीई किट पहनकर घर के अंदर जाकर मरीज को आक्सीजन सिलेंडर लगाया तो ये देखकर महिला की बेटी-बेटा व बहू काफी भावुक हो गए कि जो वो नहीं कर पाए, आप लोगों ने कर दिया। जुनून नोमानी ने कहा कि परिजनों की दुवाओं से हमें भी खुशी मिली। मंगलवार को भी कमेटी के लोगों ने महानगर के आलोक जोशी, निरालानगर के वाईपी सिंह एवं राजाजीपुरम के हिमांशु के घर जाकर मदद पहुंचाई।
कोरोना संक्रमितों की मदद में लालबाग जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जुनून नोमानी के साथ ही महामंत्री वसीउल्ला, कोषाध्यक्ष तारिक हुसैन, मोहम्मद अनवर व प्रवक्ता अकील सिद्दीकी भी जुटे हुए हैं। नोमानी साहब कहते हैं कि उनके इस कार्य में लोग भी मदद के लिए आगे आ रहें हैं, पर वे किसी से कैश व चेक न लेकर मदद का सामान आक्सीजन सिलेंडर आदि लेते हैं, संक्रमण खत्म होने पर काली सिलेंडर आदि लोगों को वापस मीटर दिए जायेंगे।
लालबाग की जामा मस्जिद के साथ ही इंदिरानगर की नूर मस्जिद की इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी की ओर से भी ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ ही खाने का समान, संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए निश्शुल्क वाहन और अंतिम संस्कार में लगने वाला सामान मुफ्त में दिया जा रहा है। सोसाइटी के मुहम्मद इमरान व कुदरत उल्लाह खान ने बताया कि रमजान के पाक महीने से मदद की जा रही है। संक्रमण काल में कई लोग मदद के लिए आते हैं तो मदद मिलते उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है, उसका एहसास करके ही बड़ी खुशी मिलती है। संक्रमित इलाकों में सैनिटाइजेशन भी किया जा रहा है।
इसी तरह भवनीगंज-नेशनल कालोनी के “राहत-ए-इंसानियत फाउंडेशन” की ओर से राशन किट के साथ ही जरुरतमंद लोगों को ऑक्सीजन सिलिंडर दिए भी जा रहे हैं। फाउंडेशन के चांद मुहम्मद ने बताया कि घरों में कोरंटाइन संक्रमितों की मदद के लिए यह सेवा रमजान के पहले से चल रही है और संक्रमण काल तक जारी रहेगी। यही नहीं लखनऊ में मुस्लिम समाज से जुड़े कई मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार भी कर इंसानियत का पैगाम दे रहे हैं। (19 मई 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,