बीआईएस की अकर्मण्यता के कारण देश के लाखों ज्वेलर्स का कारोबार बंद होने के कगार पर – विनोद माहेश्वरी…
हालमार्क Act में संशोधन न हुए तो लाखो छोटे- मझोले सर्राफा कारोबारी खत्म हो जायेगे- मोहन वर्मा..
लखनऊ 07मई। केंद्र सरकार द्वारा आगामी 1 जून, 2021 से गोल्ड ज्वेलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग की अधिसूचना के मद्देनज़र भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा अभी जब इस अधिसूचना को लागू होने में केवल एक महीना ही रह गया है, देश भर में हॉलमार्किंग केंद्र को स्थापित न कर पाना और व्यापारियों द्वारा उठाये गए वाजिब मुद्दों का निराकरण न कर पाने के कारण देश भर के लाखों ज्वेलरी व्यापारियों का कारोबार बंद होने की कगार पर पहुँच चुका है। जिसकी गंभीरता को देखते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजकर इस विकट स्तिथि की ओर उनका ध्यान दिलाया है और 1 जून, 2021 से लागू होने वाली अनिवार्य हॉलमार्किंग योजना को आगे बढ़ाने की मांग की है। और कहा है की वो भारतीय मानक ब्यूरो को निर्देश दें की हॉलमार्किंग केंद्र सारे देश में तुरंत खोले जाएँ।
कैट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश में आभूषण समुदाय सोने के गहनों के कारोबार में मानकों को बनाए रखने के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग का स्वागत करता है ताकि सोने की गुणवत्ता के साथ किसी भी ग्राहक को धोखा न दिया जा सके किन्तु यदि पर्याप्त मात्रा में हॉलमार्किंग केंद्र नहीं बने और ब्यूरो द्वारा मानकों में आवश्यक संशोधन नहीं किये गए तो देश भर में ज्वेलरी व्यापार में काम करने वाले छोटे व्यापारियों को अपना कारोबार बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
इस मद्देनज़र कुछ दिन पहले आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) ने कैट राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के साथ एक वीडियो बैठक बुलाई थी जिसमें सभी राज्यों के सोने के गहनों के अग्रणी व्यापारिक संगठनों के प्रमुख व्यापारिक नेताओं ने भाग लिया और कैट से अनुरोध किया था कि तारीख आगे बढ़ाने और हॉलमार्किंग अवसंरचना की उचित उपलब्धता के लिए केंद्र सरकार से कैट बात करें।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भारतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्री गोयल को भेजे पत्रमें कहा कि अनिवार्य हॉलमार्किंग सरकार का एक सकारात्मक कदम है जो न केवल आभूषण व्यापार को विनियमित करेगा बल्कि उपभोक्ताओं को वास्तविक रूप से सही गुणवत्ता का सामान उपलब्ध कराएगा। इस प्रावधान के लागू होने से उपभोक्ताओं की वास्तविक शिकायतों को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा की मौजूदा कोविड संकट और बीआईएस के निर्धारित मानकों के अनुसार उत्पादों को हॉलमार्किंग के लिए पर्याप्त बुनियादी ढाँचे की अनुपलब्धता के कारण हॉलमार्किंग लागू करने की तिथि 1 जून, 2021 से आगे उपयुक्त समय के लिए बढ़ाई जानी चाहिए।
आल इंडिया ज्वेलर्स एन्ड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रिय संयोजक पंकज अरोरा ने कहा की बीआईएस मानकों के अनुसार हर सोने के आइटम को हॉलमार्क किया जाना चाहिए और सभी सोने की वस्तुओं पर हॉलमार्किंग अनिवार्य है। हॉलमार्किंग के लिए रु35-00 प्रति आइटम का चार्ज निश्चित किया गया है। यहाँ यह बताना बेहद महत्वपूर्ण है की कायदे से हॉलमार्क केंद्र को हॉलमार्क के लिए दिए गए सभी वस्तुओं की शुद्धता को जांचने के बाद हॉलमार्क की मुहर लगनी चाहिए किन्तु हालमार्क केंद्र में केवल कुछ पीस ही शद्धता जांचने के लिए जाते हैं और फिर सभी वस्तुओं पर हॉलमार्किंग की मुहर लगा दी जाती है जबकि हॉलमार्क मुहर लगाने के लिए पैसे सभी आइटम्स के लिए जाते हैं। यही नहीं इसके बाद हॉलमार्क केंद्र व्यापारियों से सभी वस्तुओं पर हॉलमार्किंग करने की समरूप घोषणा पर हस्ताक्षर करा लेता है जिसका अर्थ यह है की किसी भी समय यदि कोई वस्तु गुणवत्ता से नीचे पाई जाती है, तो व्यापारियों को बिना किसी गलती के कटघरे में खड़ा कर उन्हें दंड का भागी बनाया जाएगा सवाल यह है कि जब व्यापारी प्रत्येक आइटम की हॉलमार्किंग के लिए शुल्क दे रहे हैं तो हॉलमार्किंग केंद्र अपनी मर्जी से नमूने क्यों चुनते हैं। जबकि वास्तव में उन्हें प्रत्येक आइटम की शुद्धता की जांच करनी चाहिए और उसके बाद ही हॉलमार्क दिया जाना चाहिए। उनकी लापरवाही या निष्क्रियता के लिए व्यापारियों को दंड दिया जाना अन्याय है।
इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वर्णकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रमुख सर्राफा व्यवसायी मणिलाल वर्मा और प्रदेश महासचिव मोहन वर्मा ने संयुक्त बयान में कहा कि ज़ेवरों कि शुद्धता कि गारंटी जानना उपभोक्ताओं का अधिकार है, इसके लिए बीआईएस मानकों में सोने की प्रत्येक वस्तु की हॉलमार्किंग होना चाहिए। लेकिन पूरे भारत में मात्र 250 हॉलमार्किंग केंद्र द्वारा यह असंभव है। ग्रामीण स्तर से लेकर शहरों की छोटी छोटी बाज़ारों के छोटे मझोले दुकानदार द्वारा अन्य ज़िलों में जाकर अपने ज़ेवरों का हॉलमार्क कराना प्रैक्टिकल रूप में संभव नहीं है, जबकि इनकी सुरक्षा व्यवथा का भी प्रश्न सर्वोपरि है। यहाँ तक की भारत के 11 राज्यों में एक भी हॉलमार्किंग केंद्र नहीं है। अब इन परिस्थितियों में बिना तैयारी के अध्यदेश लागू करना छोटे मझोले दुकानदार के व्यापार को बंद कराने के बराबर होगा। जब तक प्रत्येक ज़िलों में हॉलमार्किंग सेण्टर न खुल जाये तब तक यह अध्यदेश न लागू किया जाए।
चौक सर्राफा असोसिएशन के महामंत्री विनोद माहेश्वरी ने कहा की बीआईएस की अकर्मण्यता के कारण देश के लाखों ज्वेलर्स का कारोबार बंद होने के कगार पर है। हॉलमार्किंग सेण्टर की कमी के कारण कैसे और किस तरीके से बाकी जिलों में व्यापारी सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग प्राप्त करने में सक्षम होंगे, इस पर बीआईएस ने आज तक ध्यान ही नहीं दिया है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय जब कार्यान्वयन के लिए केवल एक महीना बचा है, एयर कई राज्यों में सेंटर ही नहीं है तो सवाल यह है कि इन राज्यों में आभूषण व्यापार कैसे हॉलमार्किंग प्राप्त पायेगा। उन्होंने आगे कहा कि ज्यादातर छोटे शहरों और कस्बों में, हॉलमार्किंग सुविधाओं की बहुत कमी है, जो हॉलमार्किंग प्राप्त करने के लिए छोटे ज्वैलर्स को असहाय बना देगा और उन्हें अपने आइटम पर हॉलमार्किंग प्राप्त करने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में जाना होगा।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनको हॉलमार्किंग लागू करने से पहले सुलझाया जाना बहुत जरूरी है तथा हॉलमार्क व्यवस्था के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे, हॉलमार्किंग केंद्रों और अन्य सुविधाओं के निर्माण में बहुत कुछ किया जाना है। ऐसा प्रतीत होता है कि बीआईएस ने भारत में गोल्ड ज्वैलरी कारोबार की जमीनी हकीकत को ध्यान में रखे बिना और स्टेकहोल्डर्स से सलाह लिए बिना मानकों को बनाया है जो उचित नहीं है।
कैट ने इन मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ मिलने का एक समय माँगा है और इसी बीच बैठक1 जून, 2021 से हॉलमार्किंग को लागू करने की तिथि आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…