पीएनबी एमडी ने किया रिजर्व बैंक के एलान का स्वागत, कहा कारोबार के लिए बेहतर…
लखनऊ 06 मई। सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी और सीईओ) सीएच एस.एस. मल्लिकार्जुन राव ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) की नयी मौद्रिक नीति में किए गए एलानों का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे कारोबारी माहौल बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने उचित समय पर और समयानुकूल कदम के तहत वित्तीय व्यवस्था के सभी भागीदारों जिसमें व्यक्ति, छोटे कारोबार और एमएसएमई भी शामिल हैं को अप्रत्याशित चुनौतियों से बचाने और विकास को गति देने का काम किया है। आरबीआई के इन कदमों से बुनियादी स्तर पर मदद मिलेगी। साथ ही कर्ज देने वाली संस्थाओं और राज्य सरकारों की मदद के लिए भी कदम उठाए गए हैं जिससे पर्याप्त तरलता और कर्ज का प्रवाह बना रहे।
मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि कोरोना से जुड़े स्वास्थ्य और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की एकमुश्त सहायता के साथ बैंकों के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए वर्गीकरण और अतिरिक्त तरलता के लिए जो उपाय किए गए हैं वह आपात चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच आसान बनाएंगे और जीवन एवं आजीविका बचाने में मददगार होंगे जो वर्तमान समय में ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसी तरह विशेष लंबी अवधि की नीतिगत पहल (रेपो ऑपरेशन) के जरिये एसएफबी (एसएलटीआरओ) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राहत कर्ज को जरूरतमंद तक पहुंचाने वाले एमएफआई के लिए बेहद मददगार साबित होगी जो कोरोना की दूसरी लहर से बहुत अधिक प्रभावित हैं। जीएसएपी के तहत 35,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की दूसरे चरण की खरीद से भी अतिरिक्त तरलता उपलब्ध होगी।
पीएनबी प्रबंधक निदेशक ने कहा कि व्यक्ति और एमएसएमई के लिए एकमुश्त पुनर्गठन को दोबारा शुरू करने, एमएसएमई के लिए कर्ज प्रवाह बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन और कोविड समाधान फ्रेमवर्क 2.0 से अप्रत्याशित स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को मदद मिलेगी। व्यक्तियों, छोटे कारोबार और एमएसएमई को ओटीआर 2.0 से भी बड़ी राहत मिलेगी जिसमें 25 करोड़ रुपये तक का ऋण जोखिम शामिल किया गया है जिन्होंने पिछली बार इसका लाभ नहीं उठाया था। यह कर्ज देने वाले संस्थानों और उनके कर्जदारों के लिए भी राहतभरा कदम है जो कोरोना संकट की वजह से नकदी की चुनौती से जूझ रहे थे। इसके अलावा व्यक्तिगत और छोटे कारोबार वाले कर्जदारों के लिए भी कर्ज पुनर्गठन में बदलाव किया गया है और उनके कर्ज पुनगर्ठन की अवधि को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। इससे उन कर्जदारों को भी राहत मिलगी जिन्होंने पिछली बार मोरेटोरियम का लाभ लिया था और इससे नकदी का प्रवाह भी बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि कठिन समय में एक बात सबसे राहत देने वाली है कि रिजर्व बैंक कोरोना के बाद भारत की वृद्धि दर को लेकर फिर से आशावान है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…