मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में विगत 06 दिनों में कोरोना के एक्टिव मामलों में आयी…
50 हजार से अधिक की कमी पर संतोष व्यक्त करते हुए उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के निर्देश दिये…
लखनऊ 06 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश में विगत 06 दिनों में कोरोना के एक्टिव मामलों में आयी 50 हजार से अधिक की कमी पर संतोष व्यक्त करते हुए उपचार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ की नीति के अनुरूप राज्य सरकार के प्रयास प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष को और तेज किये जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अवगत कराया गया कि विगत 30 अप्रैल को प्रदेश में कोरोना के एक्टिव रोगियों की अब तक की सर्वाधिक संख्या 3,10,783 दर्ज की गयी थी, जो कम होकर अब 2,59,844 हो गयी है। यह जानकारी भी दी गयी कि विगत 24 घण्टे में संक्रमण के 26,780 नये मामले सामने आये, जबकि 28,902 लोग संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एक ओर जहां औसतन 02 लाख से ढाई लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नये केस में गिरावट आयी है। साथ ही, स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बैठक में अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टे में कोविड-19 के 2,25,670 टेस्ट किये गये, जिसमें 1,12,000 से अधिक टेस्ट आर0टी0पी0सी0आर0 विधि से हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से संचालित हो रहा है। अब तक 01 करोड़ 32 लाख 55 हजार 955 वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। सतत प्रयासों से वैक्सीन वेस्टेज में कमी आयी है। अधिक संक्रमण दर वाले 07 जनपदों में 18 से 44 आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है। इस आयु वर्ग के 68,536 लोगों का वैक्सीनेशन अब तक सम्पन्न हो चुका है। उन्होंने इस आयु वर्ग के टीकाकरण को चरणबद्ध रूप से विस्तारित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि अगले सप्ताह से सभी नगर निगमों तथा जनपद गौतमबुद्धनगर में 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों का टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किया जाए। संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए विभिन्न आयु वर्ग के प्री-रजिस्टर्ड ऐसे लोगों को ही टीकाकरण केन्द्र पर बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है। वैक्सीनेशन सेण्टर पर अनावश्यक भीड़भाड़ न होने पाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत हमें सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। बेड, आॅक्सीजन, दवाओं, मेडिकल उपकरण तथा मैनपावर की वर्तमान उपलब्धता को कम से कम दोगुना करने की कार्यवाही तेजी से सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने निर्देशित किया कि प्राथमिकता वाले इन कार्याें के लिए सचिव स्तर के अलग-अलग अधिकारियों को नामित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी जनपद में संसाधनों का कोई अभाव न हो। उन्होंने इसके लिए मिशन मोड पर कार्य किये जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीनिंग और टेस्टिंग का प्रदेशव्यापी अभियान प्रारम्भ हो गया है। अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने आर0आर0टी0 तथा टेस्टिंग टीम की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड लक्षण की दृष्टि से संदिग्ध लोगों की एण्टीजन जांच की जाए। टेस्ट की रिपोर्ट और मरीज की स्थिति के आधार पर उसे अस्पताल अथवा क्वारण्टीन सेण्टर या होम आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जाए। होम आइसोलेशन के लिए सम्बन्धित व्यक्ति को मेडिकल किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों की जरूरत के अनुसार आॅक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जा रहे हैं। इस कार्य में भारत सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन तथा नाॅन-कोविड मरीजों को आॅक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि इनके लिए आॅक्सीजन सिलेण्डर की कतई कमी न हो। होम आइसोलेशन के मरीजों को आॅन डिमाण्ड आॅक्सीजन की आपूर्ति के लिए व्यवस्था करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि आॅक्सीजन आॅडिट की रिपोर्ट के आधार पर आॅक्सीजन की अधिकतम उपयोगिता सुनिश्चित की जाए। आॅक्सीजन के सम्बन्ध में प्रत्येक जनपद के लिए पृथक कार्ययोजना तत्काल तैयार की जाए। जनपदों को आॅक्सीजन का एलोकेशन, जनपद में मरीजों, अस्पतालों, होम आइसोलेशन के मरीजों की संख्या, आॅक्सीजन बेड, आई0सी0यू0 आदि को ध्यान में रखकर किया जाए। उन्होंने आॅक्सीजन टैंकरों की संख्या में वृद्धि किये जाने पर बल देते हुए कहा कि क्रायोजेनिक टैंकरों के सम्बन्ध में ग्लोबल टेण्डर जारी करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ायी जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि बुधवार को प्रदेश में 823 मीट्रिक टन आॅक्सीजन का वितरण किया गया। वर्तमान में 89 टैंकर आॅक्सीजन आपूर्ति कार्य से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। समस्त जनपदों में आॅक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किये जा रहे हैं। भारत सरकार, राज्य सरकार एवं निजी क्षेत्र द्वारा आॅक्सीजन प्लाण्ट की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग तथा आबकारी विभाग द्वारा आॅक्सीजन जेनरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सी0एच0सी0 स्तर से लेकर बड़े चिकित्सालयों तक आॅक्सीजन कंसेन्ट्रेटर उपलब्ध कराये गये हैं। इन्हें प्रत्येक दशा में क्रियाशील रखा जाए। जिलों की जरूरतों के अनुसार और आॅक्सीजन कंसेन्ट्रेटर खरीदे जाएं। उन्होंने प्रत्येक पुलिस लाइन तथा पी0ए0सी0 अस्पताल में 02 आॅक्सीजन कंसेन्ट्रेटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था को प्रभावी और सुदृढ़ किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर किया जाए। कोविड मरीजों के इलाज में शिथिलता बरतने अथवा आमजन का शोषण करने वाले निजी अस्पतालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मरीज और उसके परिजन के साथ संवेदनशील व्यवहार हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नाॅन-कोविड रोगियों के उपचार की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। गम्भीर रोग से ग्रसित मरीजों की आपात आवश्यकता के लिए समुचित चिकित्सा प्रबन्ध किये जाएं। हर जिले में न्यूनतम एक अस्पताल ऐसे मरीजों के लिए डेडिकेट किया जाए। महिलाओं तथा बच्चों के उपचार के लिए जिला महिला चिकित्सालय में सभी प्रबन्ध किये जाएं। ऐसे समस्त जरूरतमन्द रोगियों के लिए एम्बुलेंस की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि आगामी शनिवार से प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों मंे ई-ओ0पी0डी0 की व्यवस्था लागू की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रत्येक जनपद में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) की व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने पर बल देते हुए कहा कि जनपद की आबादी के दृष्टिगत आई0सी0सी0सी0 में फोन लाइन्स की संख्या बढ़ायी जाए। आई0सी0सी0सी0 में विभिन्न कार्याें यथा टेलीकन्सल्टेशन, होम आइसोलेशन बेड की उपलब्धता आदि सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किये जाएं। प्रत्येक जनपद में सभी वेंटिलेटर्स और आॅक्सीजन कन्संट्रेटर्स को कार्यशील रखने के लिए एनेस्थेटिक्स एवं टेक्नीशियन्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोविड अस्पताल में भर्ती मरीज के स्वास्थ्य एवं उपचार की जानकारी प्रतिदिन कम से कम एक बार उसके परिजनों को उपलब्ध कराने के लिए एक चिकित्सक नामित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि प्रदेश में आंशिक कोरोना कफ्र्यू को प्रभावी ढंग से लागू करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थान पर भीड़भाड़ न हो। कोविड गाइडलाइन्स का पालन कराने के लिए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही की जाए। जरूरतमन्द लोगों के लिए जनपद लखनऊ व प्रयागराज में कम्युनिटी किचन शुरू हो गये हैं। इस व्यवस्था को सभी जनपदों में संचालित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित क्वारण्टीन सेण्टरों मंे भोजन, पेयजल, स्वच्छता, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू करते हुए वहां डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ किया जाए। अस्पतालों एवं आॅक्सीजन संयंत्रों को बिजली की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। गेहूं क्रय एवं खाद्यान्न वितरण की सुचारु एवं प्रभावी व्यवस्था कोविड प्रोटोकाॅल के पालन के साथ सुनिश्चित की जाए। औद्योगिक इकाइयों को संचालित रखा जाए। हाई-वे, एक्सप्रेस-वे सहित सभी निर्माण परियोजनाओं का कार्य यथावत जारी रहे। कार्यरत कर्मियों हेतु भोजन, पेयजल आदि की व्यवस्था रहे। जिन परियोजनाओं में न्यूनतम 50 कर्मी कार्यरत हों वहां कोविड केयर सेण्टर स्थापित कराये जाएं। बैठक में अवगत कराया गया कि वर्तमान में 544 उद्योगों में 850 से अधिक बेड की क्षमता के साथ कोविड केयर सेण्टर क्रियाशील हैं। अन्य औद्योगिक इकाइयों में भी इसका विस्तार किया जा रहा है।
समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री अतुल गर्ग सहित वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…