सात बार के सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का कोरोना से निधन…
आरएलडी अध्यक्ष के निधन से किसानों एवं पश्चिम यूपी में शोक की लहर…
प्रधानमंत्री, राज्यपाल, रक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेताओं ने दु:ख व्यक्त किया…
लखनऊ। सात बार के सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। कोरोना संक्रमित अजित सिंह के फेफड़ों में में संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कांग्रेस नेता/सांसद राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री/सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री/बसपा अध्यक्ष मायावती व अन्य नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। चौधरी अजित सिंह के निधन से पश्चिम यूपी एवं किसानों में शोक की लहर दौड़ गई है।
अजित सिंह व उनकी पोती 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुई थी। अजित सिंह 4 मई से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनकी पोती की तबियत ठीक बताई जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह (86 वर्ष) की मंगलवार रात तबीयत बेहद बिगड़ गई थी। उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह उनकी मृत्यु हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह बागपत से 7 बार सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। उनके निधन के बाद बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है। चौधरी अजित सिंह की गिनती जाट बिरादरी के बड़े किसान नेताओं में होती थी।
चौधरी अजित सिंह का सियासी सफर. . . . .
चौधरी अजित सिंह का 12 फरवरी को मेरठ में जन्म हुआ था। उन्होने अपने सियासी सफर की शुरुआत 1986 से की थी, उस समय उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह बीमार पड़ गए थे। अजित सिंह 1986 में राज्यसभा भेजे गए थे, इसके बाद 1987 से 1988 तक वह लोकदल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। 1989 में अपनी पार्टी का विलय जनता दल में करने के बाद वह उसके महासचिव बन गए। 1989 में अजित सिंह पहली बार बागपत से लोकसभा पहुंचे। वीपी सिंह सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया, इसके बाद वह 1991 में फिर बागपत से ही लोकसभा पहुंचे।
इस बार नरसिम्हाराव की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1996 में वह तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा पहुंचे, लेकिन फिर उन्होंने कांग्रेस और सीट से इस्तीफा दे दिया।अजित सिंह ने 1997 में राष्ट्रीय लोकदल की स्थापना की और उप चुनाव में बागपत से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 1998 में चुनाव में वह हार गए, लेकिन 1999 के चुनाव में फिर जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2001 से 2003 तक अटल बिहारी सरकार में मंत्री रहे। 2011 में वह यूपीए का हिस्सा बन गए और 2014 तक वह मनमोहन सरकार में मंत्री रहे। 2014 और 2019 का लोस चुनाव वे हार गए थे।चौधरी अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी मथुरा से सांसद रहे हैं।
पंचायत चुनाव में फिर आरएलडी का दबदबा…..
चौधरी अजित सिंह की पार्टी ने सपा के साथ मिलकर पंचायत चुनाव में इस बार शानदार प्रदर्शन किया। आरएलडी ने बागपत, मेरठ, शामली, अलीगढ़ व मथुरा में जीत हासिल की। बागपत में जिला पंचायत सदस्य पद पर रालोद ने 20 में से सात पर जीत दर्ज की। मेरठ में छह तथा शामली में पार्टी को पांच सीट पर जीत मिली। (6 मई 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,