*सरकार बेशक दावा करे,ज़मीनी हकीकत कोसों दूर,पूरे शहर मे अव्यवस्था का आलम*

*सरकार बेशक दावा करे,ज़मीनी हकीकत कोसों दूर,पूरे शहर मे अव्यवस्था का आलम*

*प्रशासन की बद इंतजामी से जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रही ऑक्सीजन सिलेंडर,*

*रातभर लाइन में लगने के बाद लौटे निराश*

*फरीदाबाद।* कोरोना रोकथाम और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का सरकार बेशक दावा करे लेकिन जमीन हकीकत कोसों दूर है। पूरे शहर मे अव्यवस्था का आलम है। यहां तक कि प्रशासन की बद इंतजामी से जरूरतमंदों को ऑक्सीजन गैस तक नहीं मिला पा रही है। लोग गैस लेने के लिए रात रात भी प्लांटों के आगे लाइन लगाकर खड़े रहते हैं फिर भी एक सिलेंडर नसीब नहीं हो रहा है।

ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था न होने के कारण सैनिक कॉलोनी में रहने वाले तीन लोगों की जान भी चली गयी। हैरानी की बात ये है कि जिन अधिकारियों पर गैस उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है, वह कहीं नजर नहीं आ रहे। यही नहीं लोगों का फोन तक नहीं उठा रहे। ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस बद इंतजामी से कितने लाेगों की सांसे थमती रहेंगी। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। अपने रिश्तेदार व परिचितों के लिए ऑक्सीजन के धक्के खाने वाले लोगों ने इस बंद इंतजामी की कहानी बयां की।

सैनिक कॉलोनी निवासी अनिल अरोड़ा ने बताया कि उनके किसी परिचित के लिए आक्सीजन की जरूरत थी। वह सेक्टर 25 स्थित हिंदुस्तान गैस एजेंसी में दो दिन से धक्के खा रहे लेकिन गैस नहीं मिली। सीकरी पहुंचे वहां भी नहीं मिली। कोई अधिकारी फोन उठाने को तैयार नहीं है। ऐसे में परिचित को भगवान भरोसे छोड़ दिया। अनिल अरोड़ा ने बताया कि उनकी काॅलोनी के फ्लैट नंबर 474, 1438 और 2379 में रहने वाले तीन लोगों को आक्सीजन की जरूरत थी। लेकिन समय पर न मिल पाने के कारण तीन दिन में तीन लोगों की जान चली गयी। उन्होंने सवाल किया कि आखिर जब प्लांटों में गैस उपलब्ध है तो प्रशासन क्यों नहीं दिलवा पा रहा है।

*भीड़ को बहकाता रहा पुलिस प्रशासन*

फीवा के महासचिव गुरमीत सिंह देओल ने कहा कि वह स्वयं रविवार सुबह 8:30 बजे हिंदुस्तान एयर गैस सेक्टर 25 के मालिक से बात करने के बाद मौके पर गया। वहां लगभग 400 से अधिक लोग अपना-अपना गैस सिलेंडर लेकर लाइनों में खड़े थे। सभी आने वाले लोगों को पुलिस प्रशासन बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन के गेट पर ही रोक रखा था। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने शनिवार को यह सूचना दी थी कि रविवार सुबह 10:00 बजे से अपनी निगरानी में प्लांट चालू करवा कर लोगों को गैस मुहिया करवाएंगे। लेकिन 11:50 बजे के बाद यह बात फैलाई गई कि, यहां गैस खत्म है। मुजेसर में भागीरथ गैस एजेंसी है। वहां चले जाओ वहां नंबर आ जाएगा।

देओल ने बताया कि इस बारे में एसडीम बल्लबगढ़ से बात की। उन्होंने गोदारा से बात की। बताया गया कि गैस चालू किए जाने के आदेश केवल एडीसी सतवीर मान के द्वारा जारी होने के बाद ही शुरू की जाएगी। इसके बाद एडीसी सतवीर मान को लगभग 10 से 12 बार फोन मिलाने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। फिर कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा बात की। सब ने आश्वासन दिया है लेकिन हुआ कुछ नहीं।

आखिर गैस जा कहां रही, जवाब किसी के पास नहीं : हरियाणा सरकार ने शनिवार को उड़ीसा से पांच टैंकर आक्सीजन गैस रेलवे के माध्यम से मंगाए। उसे फरीदाबाद में उतारा गया। तीन टैंकर फरीदाबाद को मिला। इसके अलावा फरीदाबाद और पलवल में एक दर्जन गैस प्लांट और एजेंसी है। फिर भी लोगों को आक्सीजन गैस नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि गैस जा कहां रही है। इस बारे में हमने एडीसी सतवीर मान को फोन और मैसेज कर उनसे जानकारी मांगी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी कितने गैर जिम्मेदार रवैया अपना रहे हैं।