प्रेरक कथा: भगवान का दोस्त…
एक बच्चा गला देने वाली सर्दी में नंगे पैर प्लास्टिक के तिरंगे बेच रहा था, लोग उसमें भी मोलभाव कर रहे थे।
एक आदमी को उसके पैर देखकर बहुत दुःख हुआ, उस आदमी ने बाजार से नए जूते खरीदे और उसे देते हुए कहा बेटा लो, ये जूता पहन लो।
लड़के ने फौरन जूते निकाले और पहन लिए, उसका चेहरा खुशी से दमक उठा था। वो उस आदमी की तरफ पलटा और हाथ थाम कर पूछा- आप भगवान हैं?
आदमी ने घबरा कर हाथ छुड़ाया और कानों को हाथ लगा कर कहा- नहीं बेटा, नहीं!! मैं भगवान नहीं।
लड़का फिर मुस्कराया और कहा- तो फिर जरूर भगवान के दोस्त होंगे, क्योंकि मैंने कल रात भगवान से कहा था कि मुझे नए जूते दे दें।
वो आदमी मुस्कुरा दिया और उसके माथे को प्यार से चूमकर अपने घर की तरफ चल पड़ा।
अब वो आदमी भी जान चुका था कि भगवान का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं…।
सीख: हमें हमेशा दूसरों को खुशी देने का प्रयास करना चाहिए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…