सैन्य खर्च के मामले में तीसरे पायदान पर भारत…

सैन्य खर्च के मामले में तीसरे पायदान पर भारत…

10 साल में 34 फीसदी बढ़ा खर्च…

 

नई दिल्ली, 27 अप्रैल। दुनिया का सैन्य खर्च 33 साल बाद एक बार फिर सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। साल 2020 में पूरी दुनिया ने कुल 1981 अरब डॉलर का सैन्य खर्च किया। इस मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे अधिक खर्च करने वाला देश रहा। 2020 में भारत से ज्यादा सिर्फ अमेरिका और चीन का सैन्य खर्च रहा। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर में किए गए सैन्य खर्च में 39 फीसदी हिस्सेदारी अमेरिका की रही, जबकि चीन ने कुल सैन्य खर्च का 13 फीसदी खर्च किया। वहीं इस मामले में तीसरे स्थान पर रहने वाले भारत की हिस्सेदारी 3.7 फीसदी की रही। अमेरिका ने 2020 में कुल 778 अरब डॉलर का सैन्य खर्च किया, वहीं चीन का सैन्य खर्च 252 अरब डालर का रहा। सैन्य खर्च के मामले में तीसरे स्थान पर रहने वाले भारत ने 2020 में कुल 72.9 अरब डॉलर खर्च किए। एसआईपीआरआई के सैन्य खर्च डेटाबेस के मुताबिक 2019 के बाद से भारत के सैन्य खर्च में तुलनात्मक रूप से 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं चीन के सैन्य खर्च की वृद्धि दर 1.9 फीसदी रही, जबकि अमेरिका ने 2019 की तुलना में अपने सैन्य खर्च मे 4.4 फीसदी की वृद्धि की। आपको बता दें कि 1988 के बाद पहली बार 2020 में दुनिया भर का सैन्य खर्च 1981 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंचा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 के दौरान दुनिया के सैन्य खर्च में 2019 की तुलना में 2.6 फीसदी अधिक राशि खर्च की गई। सैन्य खर्च में 2.6 फीसदी की ये बढ़ोतरी उस साल हुई है, जब कोरोना जैसी महामारी के कारण दुनिया भर के सकल घरेलू उत्पाद (ग्लोबल जीडीपी) में 4.4 फीसदी की गिरावट आई है। जाहिर है की कोरोना के संक्रमण काल में भी अमेरिका, चीन और भारत जैसे देशों ने अपने सैन्य खर्च में बढ़ोतरी की । वर्ष 2020 में भारत का सैन्य खर्च 2019 की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा रहा। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के सैन्य खर्च में हुई इस बढ़ोतरी की एक बड़ी वजह हाल के दिनों में चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव का बढ़ना भी रहा है। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि सैन्य खर्च के मामले में पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपनी सोच को ज्यादा उदार किया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा मिलिट्री स्पेंडर बना हुआ है। वर्ष 2011 से ही लगातार 7 साल तक सैन्य खर्च में कटौती करने के बाद पिछले 3 साल से अमेरिका ने अपने सैनिक खर्च को बढ़ाना शुरू किया है। हालांकि समग्र तौर पर देखा जाए तो 2011 से 2020 के दौरान अमेरिकी सैन्य खर्च में 10 फीसदी की गिरावट आई थी, जबकि चीन के सैन्य खर्चों में इन 10 वर्षों के दौरान 76 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं 2011 से 2020 तक के सैन्य खर्च के मामले में भारत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके बावजूद चीन और भारत दोनों ही देश अभी भी सैन्य खर्च के मामले में अमेरिका से काफी पीछे हैं। सैन्य खर्च के मामले में 2020 में दूसरे नंबर पर आने वाले चीन ने कुल 252 अरब डॉलर का खर्च किया। एसआईपीआरआई के डेटाबेस के मुताबिक चीन के सैन्य खर्च में पिछले 26 साल से लगातार बढ़ोतरी हो रही है और वो अपनी जीडीपी का बड़ा हिस्सा सैन्य खर्च में इस्तेमाल करता है।

 

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…