कोरोना मामले में लापरवाही पर डीएम का चढ़ा पारा, मीटिंग से ही डाक्टर को भिजवाया थाने…
“सबको ठीक कर दूंगा” : डीएम आलोक तिवारी 👆
डाॅ नीरज: मुझे दो दिन पहले ही मिली जिम्मेदारी 👆
रैपिड रिस्पांस टीम प्रभारी डाक्टर की गिरफ्तारी से डाक्टरों में भारी रोष…
डाक्टर को रात भर रहना पड़ा थाने में, एफआईआर दर्ज: सुबह मुचलके पर छोड़े गए…
लखनऊ/कानपुर। प्रदेश के कानपुर जिले में कोरोना की बढ़ती रफ्तार से अधिकारी भी परेशान हो रहे हैं, कोरोना कंट्रोल को लेकर नगर निगम में चल रही बैठक में जिलाधिकारी ने रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉक्टर नीरज सचान के काम में लापरवाही मिलने पर न केवल उन्हे जमकर फटकार लगाई बल्कि गुस्साए डीएम ने अपनी स्कॉट से डॉक्टर को थाने भिजवा दिया। यही नहीं कोरोना कंट्रोल रूम के प्रभारी से तुरंत डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को कहा। डाक्टर के खिलाफ तहरीर मिलने पर स्वरुप नगर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हे आज तड़के मुचलके पर छोड़ा, इसको लेकर डाक्टरों में काफी रोष व्याप्त है।
जिलाधिकारी के डॉक्टर को थाने भिजवाने की खबर पर स्वरूप नगर थाने में डॉक्टरों का जमावड़ा लग गया। सोमवार देर रात तक डॉक्टर थाने में जुटे रहे। उन्होने जिलाधिकारी के कदम की निंदा की, आज सुबह 4 बजे डॉक्टर नीरज सचान को निजी मुचलके पर थाने से छोड़ा गया। डॉक्टर नीरज सामुदायिक चिकित्सा केंद्र पतारा पर प्रभारी के पद पर तैनात है। दो दिनों पहले ही इन्हे कोरोना कंट्रोल रूम में रैपिड रिस्पांस टीम की जिम्मेदारी दी गई है।
डाक्टर के स्पष्टीकरण पर भड़क गए डीएम…..
सोमवार शाम समीक्षा बैठक में रैपिड टेस्टिंग की दर में कमी के चलते जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने डॉक्टर नीरज को फटकार लगाई। डॉक्टर नीरज के स्पष्टीकरण देने पर डीएम आग बबूला हो गए और उन्होने तत्काल उन्हे अपनी स्कॉट से थाना स्वरूप नगर भिजवा दिया, इसके साथ ही उन्होने कंट्रोल रूम प्रभारी आरएन सिंह को डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा लिखाने को कहा। आरएन सिंह ने डॉ नीरज के खिलाफ थाने में तहरीर दी। पुलिस ने सुसंगत धाराओं पर मामला दर्ज कर लिया।
डाक्टर नीरज की पत्नी ने कही ये बात. . . . .
उधर गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर दर्जनों डॉक्टर थाना स्वरूप नगर पहुंच गए। डॉक्टर नीरज की पत्नी डॉ अनु ने कहा कि दो दिन पहले ही उनके पति ने कोरोना कंट्रोल रूम में रैपिड रिस्पांस टीम की कमान संभाली थी, उनके काम में यदि कोई कमी थी तो उन्हें चेतावनी दी जानी चाहिए थी। लेकिन जिलाधिकारी ने बिना किसी चेतावनी के उन्हे सीधे गिरफ्तार करवा दिया। उन्होने कहा कि इस हालात में डॉक्टर काम नहीं कर पाएंगे।
डॉ नीरज ने कहा- मेरी बात ही नहीं सुनी गई…..
निजी मुचलके पर डॉक्टर नीरज को थाने से छोड़े जाने के बाद डॉ नीरज ने बताया कि पिछले साल उन्होने कंट्रोल रूम में काम देखा था। कंट्रोल रूम में रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी के कोरोना संक्रमित होने पर दो दिन पहले ही उन्हे यहां की जिम्मेदारी दी गई थी। अभी वह व्यवस्थाओं को समझ कर अमलीजामा पहना ही रहे थे तभी डीएम ने बैठक का आयोजन कर दिया। बैठक में रैपिड रिस्पांस टीम भेजने में लापरवाही और कम किट बांटे जाने की बात कह कर उन्होने नाराजगी जताई। मैं अपना स्पष्टीकरण दे ही रहा था कि अचानक उन्होंने मुझे अपने स्कॉट से थाना स्वरूपनगर भिजवा दिया, मेरी बात को ठीक से नहीं सुना गया।
डीएम की कार्रवाई से पूरे कानपुर के सरकारी डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया है। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता और डीसीपी भी थाने में डटे रहे लेकिन किसी अधिकारी ने ये सफाई देने की कोशिश नहीं की कि आखिर एक डॉक्टर जो दो दिन पहले ही टीम का इंचार्ज बना हो, उसके ऊपर पूरा कोरोना संक्रमण रोकने की जवाबदेही कैसे डाली जा सकती है। (27 अप्रैल 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,