उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया…
लखनऊ 22 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि कोविड प्रबंधन के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ टीम-11 सदस्यों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, उसकी समीक्षा में मुख्यमंत्री द्वारा नये निर्देश दिये गये है। जिसके क्रम में आज प्रदेश में 16,514 मरीज कोविड-19 संक्रमण से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए है। यह अत्यंत सुखद है प्रदेशवासी धैर्य बनाकर रखे। प्रदेश में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं तथा जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। प्रदेश में अस्पतालों में आॅक्सीजन की समस्याओं के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा करते हुए कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिये। प्रदेश सरकार को भारत सरकार से माध्यम से जहां-जहां से आॅक्सीजन का कोटा आंवटित किया गया है वहा से जल्दी से जल्दी आॅक्सीजन लाने की व्यवस्था की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में स्थानीय स्तर पर हवा से आॅक्सीजन बनाने के प्लांट लगाने की योजना की भी समीक्षा की जा रही है, और बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कुल मिलाकर 31 अस्पतालों में एयर सैपरेटर लगाने के निर्देश जारी किये जा चुके है। वह अगले 10-15 दिन के मध्य में 31 अस्पतालों में उपलब्ध करा दिये जायेंगे। प्रदेश में एयर सैपरेटर स्थापित हो जाने से प्रदेश के बाहर से आॅक्सीजन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ-साथ भारत सरकार के द्वारा प्रदेश सरकार को 1500 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर आवंटित किये गये है। विभिन्न अस्पतालों मंे भेजे जा रहे है। इन कंसंट्रेटर को एक-एक मरीज को लगाया जायेगा जिससे मरीज को अतिरिक्त आॅक्सीजन की आवश्यकता नहीं रहेगी। प्रदेश सरकार इन बात के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है कि आॅक्सीजन की उपलब्धता प्रदेश में बढ़ाई जाये। प्रदेश में जो औद्योगिक इकाइयां थी, वह औद्योगिक उपयोग के लिए आॅक्सीजन बना रही थी। उनको भी अब चिकित्सीय प्रयोग के लिए परिवर्तित करने की अनुमति दे दी गयी है। प्रदेश में ऐसी फैक्टरियां जो मेडिकल आॅक्सीजन लम्बे समय से बंद पड़ी हो उनको भी पुनः संचालित करके इस व्यवस्था में लाया जायेगा। निजी अस्पतालों को भी प्रेरित किया जा रहा है कि स्वयं अपना आॅक्सीजन प्लांट लगा ले जिससे बाहर से अतिरिक्त आॅक्सीजन की आवश्यकता न हो। इसके लिए एक विशेष योजना बनायी जा रही है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में रेमेडेसिविर की उपलब्धता के लिए भारत सरकार द्वारा लगभग 1,22,000 वाॅयल आवंटित किये गये है। जैसे-जैसे वाॅयल प्राप्त होते जायेंगे, उनकी उपलब्धता से प्रदेश में रेमेडेसिविर की उपलब्धता में बढ़ोत्तरी हो जायेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 10 जनपदों में बेडों की संख्या दुगुना करने के कार्यक्रम की भी समीक्षा की। जिसके अन्तर्गत चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री को निर्देशित किया है कि वह लखनऊ में केजीएमयू व बलरामपुर चिकित्सालय और प्रयागराज में निजी अस्पतालों में, वाराणसी व कानपुर में सभी जिलों में उपलब्ध बेडों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी में पूरे प्रदेश में सैनेटाइजेशन, स्वच्छता एवं सफाई का कार्य नगर निगम द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा। आवश्यक सेवाओं एवं सामान्य औद्योगिक गतिविधियों को छोड़कर सभी गतिविधियां बाधित रहेंगी। उन्होंने बताया साप्ताहिक बंदी में उद्योगों के कर्मचारी और सरकारी विभागों में जो कर्मचारी कार्यरत हैं वे अपना आई-कार्ड दिखाकर कार्यालय आवागमन कर सकते हैं। इसके साथ-साथ वाहनों का जो आवागमन है सामान्य कार्यों के लिए जारी रहेगा। कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने से प्रदेश में लगभग 82,880 कंटेनमेंट जोन हैं। इन जोन में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कंटेनमेंट जोन में सख्त कड़ाई की जाए। वहां पर मूवमेंट तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए, जिससे संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। प्रदेश में सर्विलांस का नया प्रयोग कर प्रत्येक परिवार तक पहंुच कर उनका हालचाल लेते हुए कोविड संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। इस अभियान के तहत 15.96 करोड़ लोगों से संक्रमण की जानकारी ली गयी है तथा 3.90 करोड़ कोविड-19 के टेस्ट किये गये है। इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट पूरे देश के किसाी राज्य में नहीं हुए है। इस प्रकार सर्विलांस अभियान के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनसंख्या में से लगभग 19.86 करोड़ लोगों तक सरकारी मशीनरी पहुची है। सर्विलांस के माध्यम से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि लोग अफवाह से दूर रहें, बिना किसी सत्यापित खबर पर विश्वास न करें।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहूँ खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहूँ क्रय अभियान में अब तक 52 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है पिछले वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष 04 गुना अधिक खरीद की गयी।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग का कार्य करते हुए, टेस्टिंग की क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 1,96,889 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 3,90,89,449 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 34,379 नये मामले आये है। प्रदेश में 2,59,810 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। प्रदेश में विगत 24 घंटों में 16,514 लोग तथा अब तक कुल 7,06,414 लोग डिस्चार्ज हुए है। प्रदेश में 2,05,000 लोग होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,21,854 क्षेत्रों में 5,57,464 टीम दिवस के माध्यम से 3,30,21,200 घरों के 15,96,53,764 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर चल रहा है। प्रदेश में जो लोग 45 वर्ष से अधिक आयु के है वह अपना कोविड वैक्सीनेशन अवश्य करायें। अब तक 94,70,345 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गयी तथा पहली डोज लेने वालों में से 18,14,824 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गयी हैं। इस प्रकार कुल 1,12,85,169 वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जो लोग होम आइसोलेशन में हैं और वह डाॅक्टर की सलाह लेना चाहते हैं, तो वो हेल्पलाइन नं0 18001805146 पर सम्पर्क कर सकते हंै। उन्होंने बताया कि संक्रमण इस समय तीव्र गति पर है। जो लोग होम आइसोलेशन में रह रहे है। उन्हें गम्भीरता और कड़ाई के साथ कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करना होगा। अगर आप लोग होम आइसोलेशन में है और आपके परिवार में एक से अधिक लोग संक्रमित है तो आपके पास अलग रूम और अलग वाॅशरूम की व्यवस्था होनी चाहिए और जो संक्रमित नहीं है वो अलग वाॅशरूम का इस्तेमाल करे। जो व्यक्ति संक्रमित है और वह घर से बाहर जाते है तो उनके ऊपर उत्तर प्रदेश महामारी अधिनियम के तहत दण्डनीय अपराध है, जिसके तहत कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। इसलिए आप लोगों से अपील है कि आप आपने होम आइसोलेशन के समय सीमा को पूरा करके जब तक आपकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती है तब तक आप घर से बाहर न निकले। होम आइसोलेशन की अवधि 17 दिन की रहती है। ऐसे में सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सभी लोग मास्क का प्रयोग करें। सैनेटाइजर व हाथ साबुन से अवश्य धोते रहे। उन्होंने बताया कि संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन अवश्य करें। अपने हाथ को साबुन-पानी से निरन्तर धोते रहें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…