पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की…
हत्या मामले में मिले अहम सुराग…
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर से लगे हुए भैसमा में बुधवार सुबह करीब 4 बजे अविभाजित मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रहे स्व. प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, हरीश की पत्नी सुमित्रा कंवर और चार साल की बेटी आशी की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। घटना को किसने और किस मकसद से अंजाम दिया ये साफ नहीं हो सका है। वहीं एसपी ने कहा है कि पुलिस को अहम सुराग मिले हैं, आज ही खुलासा हो जाएगा। घटना की जानकारी मिलते ही डॉग स्क्वाड के साथ पुलिस की टीम पहुंची हुई है। यह वारदात भैंसमा इलाके में रह रहे कंवर परिवार के घर पर हुई। जानकारी के मुताबिक, कोरबा में कंवर परिवार अब भी सक्रिय तौर पर राजनीति से जुड़ा है। अब तक हुई जांच में पता चला है कि जब हमलावरों ने तीनों की जान ली तो हरीश की मां वहीं मौजूद थीं। उसने अपनी आंखों से सब कुछ देखा, इसके बाद हमलावर भाग गए। पुलिस ने कंवर परिवार के मकान को घेर लिया है। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। लाशें अंदर ही पड़ीं हैं। अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि सुबह 4 बजे के आस-पास हरीश के भाई खेत चले गए थे। कुछ देर बाद मकान में तीन लोग घुस आए। इस वक्त हरीश, उनकी पत्नी और बेटी नींद में थे। हमलावरों ने चाकू और हंसिए जैसे हथियारों से तीनों पर कई वार किए, हरीश के चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर कटने के निशान हैं। चंद मिनटों में परिवार काे खत्म कर बदमाश भाग गए। सुबह जब ये वारदात हुई किसी ने बदमाशों को नहीं देखा। हरीश की बूढ़ी मां जीवन बाई उस वक्त घर पर ही थीं, चींखें सुनकर उठीं तब तक हत्यारे अपना काम कर चुके थे। उन्होंने जीवन बाई को कुछ नहीं किया। पुलिस की जांच टीम जब स्निफर डॉग के साथ आई तो डॉग घर के पास की गली में गया और यहां से मेन रोड की तरफ गया। ये सड़क आछीमार गांव की ओर जाती है। पुलिस को शक है कि हमलावर इसी इलाके में भागे होंगे। जांच टीम अपने मुखबिरों का नेटवर्क एक्टिव कर हत्यारों का सुराग जुटाने के काम में लगी है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि हरीश कंवर के बड़े भाई हरभजन रोज की तरह सुबह मार्निंग वॉक पर निकले थे। जाने से पहले उन्होंने दरवाजे को अटका दिया था। इसके बाद ही हमलावर बिना शोर मचाए और तोड़फोड़ किए आसानी से दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गए। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने वारदात से पहले रेकी की होगी। इसके कारण उन्हें इस बात की जानकारी थी। कौन थे हरीश कंवर अविभाजित मध्यप्रदेश में आदिवासी नेतृत्व का प्रमुख चेहरा थे स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर। कांग्रेस नेता प्यारेलाल कंवर कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे। इस विधानसभा से वे और भारतीय जनता पार्टी के ननकीराम कंवर परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रहे। प्यारेलाल कंवर कई बार मध्यप्रदेश में मंत्री रहे।विधानसभा उपाध्यक्ष भी रहे। 1997-1998 में मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने। उस समय दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उसके बाद वे सिर्फ एक बार विधायक रहे और फिर राजनीति में हाशिए पर चले गए थे। हरीश कंवर उन्हीं के छोटे बेटे थे। हरीश ने शुरुआती दिनों में कांग्रेस की राजनीति में सक्रियता दिखाई लेकिन उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिला। पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने के कारण हरीश अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चले गए। वहां भी वे कोई बड़ा पद या विधानसभा टिकट हासिल नहीं कर सके। जोगी के निधन के बाद हरीश राजनीति से पूरी तरह अलग हो गए थे और अपने परिवार सहित भैसमा जो उनका पैतृक गांव है वहीं खेती-किसानी करने लगे थे। हरीश की बहन हरेश कंवर अभी कोरबा जनपद अध्यक्ष हैं। सनसनीखेज वारदात की खबर मिलते ही छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल समेत कई नेता भैसमा पहुंच गए। एसपी अभिषेक मीणा सहित कई पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर हैं। एसपी बोले- आज ही कर देंगे खुलासा एसपी अभिषेक मीणा का कहना है कि हमें महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, हम आज ही मामले का खुलासा कर देंगे। उन्होंने कहा कि हरीश जमीन खरीद बिक्री का काम भी करते थे। इस मामले से भी जोड़कर हम जांच पड़ताल कर रहे हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…