लखनऊ 19 अप्रैल। *आज बेहद ही कष्ट का अनुभव प्राप्त हुआ…
शासन और प्रशासन की अक्षमता के कारण…
प्रिय साथियों•••••😂आज एक महिला जिसका नाम धर्मशिला देवी, निवासी- मिर्जामुराद, वाराणसी- जिसकी “ऑक्सीजन पल्स” कम होकर 65-70 के बीच आ गया था, जिसको बनारस के कई हॉस्पिटलों में ले जाने के बावजूद भर्ती नहीं लिया गया, शासन द्वारा प्रदत हेल्पलाइन नंबर भी कुछ ना कर सका! भारतीय जनता पार्टी के कोरोना के लिए (स्पेशल हेल्पलाइन नंबर) भी एक दूसरे का नंबर देकर बरगलाता रहा, सीएमओ साहब से भी लगातार वार्ता करने के बावजूद एक दूसरे का नंबर ही केवल उपलब्ध कराया गया, कबीर चौरा के सीएमएस का भी फोन बरगलाता ही रहा! ऐसी परिस्थिति में लगातार एंबुलेंस में सुबह 7:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक भटकते रहे, लेकिन कहीं भी कोई भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल अभी तक उसको एडमिट नहीं कर पाया, अंत में एक -माँ- इस पवित्र नवरात्रि के पर्व पर जिसे हम 9 दिन तक अपनी मां की आराधना के रूप में उत्सव मनाते हैं, हम मां दुर्गा की उपासना करते हैं, जिसकी मृत्यु इलाज के अभाव में एंबुलेंस में ही हो गया! जिससे बड़ा ही कष्ट का अनुभव आज मिला, जिस प्रकार से शासन और प्रशासन के द्वारा दावा किया जा रहा है वह बिल्कुल सफेद हाथी ही साबित हो रहा है!
अजीबोगरीब विडंबना है की शासन द्वारा रोज (मीडिया) में सारी सुविधाओं का आंकड़ा फिट किया जा रहा है, लेकिन जमीन पर कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है। यह शासन और प्रशासन को जिम्मेदारी के साथ ध्यान देकर किसी की जिंदगी को बचाने का कार्य करना चाहिए,वरना बनारस की स्थिति बद से बदतर होती चली जाएगी। जबकि “श्मसान घाट” की हालत और खराब है वहां पर मुंह मांगा रेट पर अंतिम संस्कार हो रहा है,जगह नहीं मिल रही है अंतिम संस्कार करने के लिए,विशेष तौर से “हरिश्चंद्र घाट” की स्थिति बहुत खराब है, लोग अपने परिजनों काअंतिम संस्कार करने के लिए देहात की ओर भाग रहे हैं
बड़े ही दुखद व कष्ट का अनुभव करते हुए यह लिखने का दुस्साहस करने वाला••••••🤨
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…