*रमजान का हर दिन लोग अल्लाह की इबादत में गुजार रहे*
*लखनऊ, 19 अप्रैल।* मुकद्दस रमजान का हर दिन लोग अल्लाह की इबादत में गुजार रहे हैं। सोमवार को रोजेदार खुदा की बंदगी में लगे रहे। पांच वक्त की नमाज के साथ कुरान की तिलावत की। कोरोना के कारण अधिकतर लोगों ने घर पर ही नमाज अदा की। महिलाओं ने इफ्तार के इंतजाम के साथ इबादत में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। बच्चों ने भी इबादत की।
-रमजान के महीने में इबादतें खूब बढ़ती हैं। बस जो जितनी ज्यादा नेकियां करना चाहे कर ले, यही वजह है कि अल्लाह वाले और नेक लोग रमजान शरीफ का बहुत एहतिमाम करते हैं। *कारी मोहम्मद सिद्दीक, सुन्नी मौलाना*
-रमजान में रोजा रखना हर तरह की बीमारी से बचाता है, चाहे वो समाजी बीमारी हो या जिस्मानी बीमारी हो या रूहानी बीमारी हो। रोजे की बरकत सब बीमारियों को खत्म कर देती है। *–मौलाना नफीस अख्तर जैनबी, शिया मौलाना*
*हरियाली के लिए मशहूर है ऐशबाग जामा मस्जिद*
ऐशबाग ईदगाह स्थित जामामस्जिद वर्ष 2000 में कायम गई। इसकी बुनियाद मौलाना अहमद मियां फरंगी महल ने रखी। इसमें पहले कुछ ही लोग नमाज पढ़ते थे। धीरे धीरे मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज में भीड़ होने लगी। अब यह मस्जिद राजधानी की खूबसूरत और मुख्य मस्जिदों में शुमार की जाने लगी। यह मस्जिद हरियाली की वजह से भी जानी जाती है। मस्जिद के आस पास काफी संख्या में खुशबूदार फूल और फल वाले पेड़ पौधे लगे है। इस मस्जिद में जुमा की नमाज मौलाना खालिद रशीद पढ़ाते हैं। मौलाना ने बताया कि मस्जिद खूबसूरत और हरी भरी होनी चाहिए। जिससे नमाजियों का खूब दिल लगे। उन्होंने कहा कि पौधा लगाना सबसे बड़ा सवाब का काम है, हर मस्जिद में पौधरोपण किया जाना चाहिए।
*संवाददाता मतीन अहमद की रिपोर्ट*