काशी विश्वनाथ मंदिर/ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की एएसआई जांच…
फास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में मस्जिद पक्ष ने दी चुनौती…
मंदिर पक्ष ने भी दायर की कैविएट याचिका…
लखनऊ/प्रयागराज। काशी विश्वनाथ मंदिर/ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा एएसआई जांच के आदेश को अंजुमन इन्तेजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। अंजुमन इन्तेजामिया कमेटी ने याचिका में वाराणसी कोर्ट के आठ अप्रैल के मस्जिद परिसर की एएसआई जांच के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही फैसला रिजर्व किया हुआ है, ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला आने तक एएसआई को जांच का आदेश देना गलत है।
अर्जी में कहा गया है कि याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई कर वाराणसी न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई जाए। साथ ही अर्जी में कहा गया है कि वाराणसी न्यायालय ने पूजा स्थलों (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के आदेश की अनदेखी की है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट का आदेश गैरकानूनी. . . . ?
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के स्थायी अधिवक्ता पुनीत कुमार गुप्ता ने मीडिया से बताया, ‘हमने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया और एक याचिका दायर की। चूंकि इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने 15 मार्च 2021 को निर्णय सुरक्षित रख लिया है, ऐसे में निचली अदालत कैसे इस मामले पर सुनवाई कर आदेश पारित कर सकती है।
मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने मीडिया से बात करते हुए ये भी कहा कि निचली अदालत के आदेश में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) कानून, 1991 आड़े आता है। उन्होने कहा कि इस संबंध में उच्च न्यायालय में पहले से सुनवाई चल रही थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। नकवी ने कहा, ‘उच्च न्यायालय में फैसला सुरक्षित रखे जाने के बावजूद निचली अदालत ने इस पर सुनवाई कर आदेश पारित किया जो कि गैर कानूनी है।
वहीं हिन्दू पक्ष ने भी हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल की। याचिका में अनुरोध किया गया है कि बिना उनका पक्ष सुने कोर्ट कोई आदेश जारी न करें। (13 अप्रैल 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,