पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की जनविरोधी…
आर्थिक नीतियों के चलते जनता गम्भीर संकटों में घिर गई…
लखनऊ 25 मार्च। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के चलते जनता गम्भीर संकटों में घिर गई है। मंहगाई की मार ने लोगों की कमर तोड़ दी है। जनता की आय बढ़ी नहीं, रोजगार के अवसर सृजित नहीं हुए और बाजार अभी तक मंदी से उबर नहीं पाया हैं। समाज का हर वर्ग परेशान है। भविष्य की तमाम आशंकाओं से घिरा वह यही सोचता है कि जल्दी चुनाव हो और वह भाजपा के जुए को उतार फेके।
होली का त्योहार सिर पर है मगर मंहगाई ने लोगों का उत्साह फीका कर दिया है। खाद्य तेल, घी, मेवा सब कुछ आम जनता की खरीद से बाहर है। कहते हैं दिसम्बर से अब तक लगभग हर चीज 25 फीसदी मंहगी बिकने लगी है। बाजार में जो खाद्य पदार्थ बिक रहे है उनमें भी भारी मिलावट होने से जहर खाकर लोग बीमारी के शिकार होंगे। भाजपा की सरकार को इससे कुछ लेना देना नहीं, वह तो मुनाफाखोरों को लूट का अवसर देने को प्रतिबद्ध है। इसी को तो भाजपा आपदा में अवसर करार देती है।
किसान तो भाजपा सरकार की आंख में बुरी तरह खटक रहा है। महीनों से किसान अपनी फसल की न्यायोचित कीमत एमएसपी दिलाने और तीनों काले कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहा है। भाजपा सरकार उनकी बात सुनने को ही तैयार नहीं है। ढाई सौ से ज्यादा किसान आंदोलन में अपनी बलि दे चुके हैं। भाजपा ने अब तक उस पर संवेदना के दो शब्द भी नहीं बोले हैं। किसानों को डर है कि नए कृषि कानून से उनकी खेती पर बड़े उद्योग घरानों का आधिपत्य हो जाएगा और वे खेत मालिक की जगह खेतिहर मजदूर बन जाने को मजबूर होंगे। किसान पर भाजपा राज में दो गुनी मार पड़ रही है। एक तो फसल के लाभप्रद दाम न मिलने और फसल की लागत भी न निकलने से, वह वर्ष प्रतिवर्ष कर्जदार बनता जा रहा है। जब वह कोई रास्ता नहीं पाता है और बैंक तथा साहूकारों का उत्पीड़न बढ़ जाता है तो वह फांसी का रास्ता अपनाता है। अलाभप्रद खेती होती जा रही है। उसका क्षेत्रफल घटता जा रहा है। भाजपा इसके बजाय अपने मित्र पूंजीघरानों हितों की सुरक्षा में लगी है।
आखिर क्या कारण है कि भाजपा सरकार के समय पहले तो खेती किसानी में काम आने वाले डीजल के दाम बढ़ गए, पेट्रोल भी मंहगा हो गया और अब खाद के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। डीएपी खाद के दामों में 300 रूपए की वृद्धि कर दी गई है। किसान को वादे के अनुरूप लागत का ड्योढ़ा मूल्य देने की कोई व्यवस्था तो की नहीं गई भाजपा सरकार ने कीटनाशक के दाम, सिंचाई दर, बिजली दरें बढ़ाकर किसान पर घोर संकट में फंसा दिया है। भाजपा सरकार ने होली के मौकेपर जनता के साथ कीचड़ की होली खेलने का अपना इरादा भी जता दिया है। उसने खुद तो एक भी एक्सप्रेस-वे चार साल में बनाया नहीं, समाजवादी सरकार के समय जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बना था उस पर टोल टैक्स की दरें बढ़ाकर सड़क की रफ्तार को कम करने का प्रबंध अवश्य कर दिया है। इससे विकास भी अवरूद्ध होगा। प्रदेश की जनता को भले ही भाजपा मार्का एक्सप्रेस-वे चलने को न मिले कम से कम मुख्यमंत्री जी ने ‘मंहगाई एक्सप्रेस’ चलाकर लोगों को होली पर्व के उपहार में परेशानी और बदहाली जरूर दे दी है। यह भी चार वर्ष की उपलब्धि में शामिल है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…