मार्केटिंग एटीट्यूड है सफलता का राज…

मार्केटिंग एटीट्यूड है सफलता का राज…

अधिकतर लोग सफलता का मूलमंत्र मेहनत को ही मानते हैं। यह सही भी है, क्योंकि कड़ी मेहनत-मशक्कत के बाद ही किसी भी फील्ड में कामयाबी की उम्मीद की जा सकती है। वहीं एक्सपर्ट कहते हैं कि बिना उद्देश्य और राइट एटीट्यूड के की गई मेहनत अक्सर व्यर्थ ही जाता है।

बहरहाल, यदि आप मार्केटिंग जॉब में हैं, तो यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आपको मेहनत के साथ-साथ राइट एटीट्यूड और पॉजिटिव माइंडसेट के तहत काम करना होगा। मार्केटिंग प्रोफेशनल्स के रूप में आप पर कंपनी की साख को बढ़ाने और उसे कायम रखने की अहम जिम्मेदारी होती है। हालांकि मार्केटिंग फील्ड में आज ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो दिन-रात अपने निर्धारित टारगेट को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत तो करते हैं, लेकिन अपने वास्तविक टारगेट को पूरा करने में उनसे अक्सर चूक हो ही जाती है।

दिलचस्प बात तो, यह है कि ऐसे मार्केटिंग प्रोफेशनल्स अपनी नाकामयाबी को बड़ी आसानी से यह कहते हुए टाल जाते हैं कि हमारे पास वे स्किल्स हैं ही नहीं, जिनसे प्रभावित होकर हमारे क्लाइंट्स इम्प्रेस हो सकें या मुझमें इतनी हिम्मत ही नहीं कि अमुक व्यक्ति की तरह मार्केटिंग कर सकूं! दरअसल, इस एटीट्यूड के साथ मार्केटिंग की जॉब न केवल मुश्किल हो सकती है, बल्कि आप इसमें कभी भी सफलता की उम्मीद नहीं कर सकते। या यूं कहें कि यह अप्रोच ही है, जो आपको राइट मार्केटिंग एटीट्यूड से दूर कर देता है। वहीं, यदि आप मार्केटिंग की जॉब में पॉजिटिव एटीट्यूड यानी आत्मविश्वास, उत्साह, अपने क्लाइंट की बातों में रुचि प्रदर्शित करते हैं, तो निःसंदेह इससे आपको आश्चर्यजनक परिणाम मिल सकते हैं!

जॉब को बनाएं पैशन: जॉब कोई भी हो, यदि आप उसे पूरे पैशन से करते हैं, तो कामयाबी जरूर मिलती है। जहां तक मार्केटिंग जॉब की बात है, तो यह जॉब आपसे शत-प्रतिशत पैशन की मांग करती है। क्योंकि पैशन से ही आपके वास्तविक वर्क-स्टाइल के बारे में पता चलता है।

निगॅटिव एप्रोच से रहें दूर: कहा भी यही गया है कि हम जैसा सोचते हैं, हमारे काम में वही सोच परिलक्षित होता है। अब आप यदि निगॅटिव सोचेंगे, तो न आप अपनी जॉब से लगाव रख पाएंगे और न आपका टारगेट पूरा हो सकेगा!

दिखाएं उत्साह: याद रखें, किसी भी काम की कामयाबी में उत्साह का सबसे ज्यादा योगदान होता है। वैसे, आपने भी जरूर अनुभव किया होगा, जिन लोगों में उत्साह होता है, वे दूसरों में भी उत्साह का संचार कर जाते हैं। इसलिए मार्केटिंग की फील्ड में होने के कारण आपमें उत्साह का होना बहुत जरूरी है, ताकि आपके क्लाइंट आपकी प्रोडक्ट में दिलचस्पी दिखा सकें और आपको सही फीडबैक दे सकें।

आत्मविश्वास है कुंजी: आपको हर हाल में न केवल खुद पर, बल्कि अपने क्लाइंट पर भी पूरा भरोसा होना चाहिए। याद रहे, यह आत्मविश्वास ही है, जिसे सफलता की कुंजी कहा जाता है।

चेंज के लिए रहें तैयार: मार्केटिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जहां हमेशा चेंज की गुंजाइश बनी रहती है। क्योंकि यहां आपका पहला मकसद होता है क्लाइंट को संतुष्टड्ढ करना और ज्यादा-से-ज्यादा क्लाइंट्स जोडना। इसलिए जब भी लगे कि अमुक तकनीक में बदलाव की जरूरत है, आपको तत्काल उस तकनीक को अपना लेना चाहिए।