घरों में ही कैद हैं महिला सभासद…
सिद्धार्थनगर ।।महिलाओं को समाज की अग्रिम पंक्ति तक लाने के उद्देश्य से जहां उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में उचित स्थान दिलाया जा रहा है और छोटे से लेकर बड़े चुनाव तक में उनकी सीटें आरक्षित की जा रही हैं ।यही कारण है कि जनपद मुख्यालय पर भी नगर पालिका परिषद में सभासदों की सीटें निर्धारित की गई है जिनमें कई महिला सभासद भी चुनी गई हैं। किंतु हैरत की बात यह है कि पिछले दिनों नगर के मुख्य सिद्धार्थ चौराहे पर बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने वाले एक पोस्टर में सभासदों की ओर से लगाए गये पोस्टर में एक महिला को छोड़कर बाकी सभी चेहरे पुरुष सभासदों के दिखाई दे रहे हैं। जबकि नगर पालिका परिषद में भी कई महिला सभासद चुनी गई हैं। हैरत की बात यह है की महिला सभासदों को घरों में ही कैद कर दिया गया है और पुरुष उनके स्थान पर प्रतिनिधि बनकर सारा कामकाज देखते हैं। यहां तक कि प्रशासनिक मामलों में भी उनकी दखलअंदाजी होती है। हैरत की बात यह है कि प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी इस बात की ओर से बिल्कुल आंखें बंद किए रहते हैं कि नगर पालिका परिषद में चुनी गयी महिला सभासदों के स्थान पर कौन सरकारी कार्यों में भाग ले रहा है।इस पर भी प्रश्न उठता है कि जो सभासद महिलाएं चुनी गयीं हैं वह घरों में ही कैद होकर क्यों रह गयीं। ऐसे में उनके सभासद चुने जाने का क्या औचित्य है और प्रशासन भी इस बात से क्यों चुप है।
पत्रकार – असदुल्लाह सिद्दीकी की रिपोर्ट…