राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत पान की दो दिवसीय राज्यस्तरीय आयोजित गोष्ठी में…
दूसरे दिन पान के किसानों को जनपद महोबा का भ्रमण कराया…
लखनऊ 15 मार्च। प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रस्संकरण विभाग के निदेशक डा0 आर0के0 तोमर ने बताया के राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत पान की दो दिवसीय राज्यस्तरीय आयोजित गोष्ठी में दूसरे दिन पान के किसानों को जनपद महोबा का भ्रमण कराया गया। उन्होंने कहा की वर्तमान में औद्यानिक फसलों के पान उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही है।
उद्यान निदेशक ने बताया कि 75 किसानों द्वारा जनपद महोबा में भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान पान के उत्पादन, उसमें लगने वाले रोगों से बचाव, कैसे उत्पादन का बढ़ाया जाए व कैसे मूल्य संवर्धन किया जाए आदि के बारे में पान विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि हमारे देश में 100 से अधिक पान की किस्में उगायी जाती है। राष्ट्रीय बनस्पति संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों ने देश के विभिन्न मांगों से संग्रह करके पान के 85 नमूनों का परीक्षण करने केवल पाॅच प्रमुख किस्मों की खेती करने की सलाह दी। जिनमें बंगला, देशावरी, कजूरी, मीठा व सांची है।
डा0 तोमर ने बताया कि पान को औषधि के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि मस्तिक पीड़ा, आवेश रोग, रतौधी, हृदय विकार, पाचन, सूखी खांसी एवं अन्य रोगों के लिए पान का प्रयोग उपयोगी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अधिकांश छोटी जोत के किसानों के लिए अधिक आय, रोजगार व पोषण प्राप्त करने के लिए पान उत्पादन बेहतर विकल्प होता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…