वैश्विक चुनौतियों के इस समय में विधार्थी शिक्षा-जगत में हो रहे परिवर्तनों पर ध्यान… अपनाध्यान…
केन्द्रित करते हुए अर्जित किए ज्ञान को जन-कल्याण के लिये यथार्थ के…
धरातल पर रूपांतरित करने की कला का विकास करें…
लखनऊ 12 मार्च। वैश्विक चुनौतियों के इस समय में विधार्थी शिक्षा-जगत में हो रहे परिवर्तनों पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए अर्जित किए ज्ञान को जन-कल्याण के लिये यथार्थ के धरातल पर रूपांतरित करने की कला का विकास करें। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के विवेकानन्द सभागार में आयोजित 25वें दीक्षांत समारोह में 67 मेधावियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 26 को कुलपति स्वर्ण पदक तथा 17 मेधावियों को विशिष्ट पदक प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि युवा संसाधन के रूप में यह एक अच्छा अवसर है जब विधार्थी देश की सांस्कृतिक व बौद्धिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखते हुए आर्थिक महाशक्ति के रूप में देश को आगे ले जाने में अपना योगदान प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे ज्ञान व मूल्य सम्पदा के द्वारा विश्वविद्यालय की गरिमा को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र का गौरव बढायें।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक कार्य के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सहभाग करें, ताकि सामाजिक समस्याओं का जल्द ही समाधान हो सके। राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने अयोध्या की पौराणिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों को संजोने एवं उसे नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया है। उसी योगदान के परिणाम स्वरूप दिव्य-दीपोत्सव जैसे महा अभियान में विश्वविद्यालय के सात हजार स्वयं सेवकों, छात्रों तथा शिक्षकों ने एक साथ सरयू नदी के घाटों पर छह लाख छह हजार पाॅच सौ उनहत्तर दीपक जलाकर गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में चैथी बार नाम दर्ज कराया, जिससे पूरे भारत में विश्वविद्यालय ने अपना नाम रोशन किया।
कुलाधिपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने परिसर में वीमेन ग्रीवेंस एवं वेलफेयर सेल की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि परिसर के प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर प्राप्त करना, उनके व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रम संचालित कराना तथा कोविड-19 की चुनौतियों में आॅनलाइन प्लेसमेंट कराना विश्वविद्यालय का सराहनीय कदम है।
श्रीमती आनंदीेबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना समाज की आवश्यकता तथा विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, तार्किकता एवं नवाचार की भावना पर आधारित है। नई शिक्षा नीति में भारत की परम्परा, विरासत, सांस्कृृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास में समन्वय स्थापित करने का सफल प्रयास किया गया है। नीति के सफल अमल से भारतीय ज्ञान के साथ भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार विद्यार्थियों में स्किल विकसित होगा, जो बहुमुखी प्रतिभा संपन्न युवाशक्ति का निर्माण करेगा। राज्यपाल ने अपेक्षा की कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चिित करने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण, पारदर्शी चयन प्रक्रिया एवं संरचनात्मक विकास पर भी विशेष ध्यान रखा गया है। राज्यपाल ने इस मौके पर प्राथमिक विद्यालय के 25 छात्र-छात्राओं को पुस्तकें, फल एवं मिठाई वितरित किए और दो नवनिर्मित भवनो का लोकार्पण भी किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं विश्व मौसम विज्ञान संगठन के प्रतिनिधि डाॅ0 लक्ष्मण सिंह राठौर, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि एवं प्रदेश के उच्च शिक्षा व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह एवं विद्या परिषद के सदस्यगण सहित शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राओं उपस्थित थे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…