लखनऊ 12 मार्च। प्रदेश के नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन ने आज पूर्वी विधानसभा लखनऊ में मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजनान्तार्गत शंकर पुरवा प्रथम व शंकर पुरवा द्वितीय तथा बेगम हजरत महल वार्ड महानगर में लगभग 90 लाख रूपये की लागत से ट्यूबवेल, इन्टरलाॅकिंग सड़क व जलनिकासी हेतु नाली निर्माण आदि योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इनमें 41-41 लाख रूपये के दो ट्यूबवेल व लगभग 8 लाख रूपये के अन्य विकास कार्य शामिल है। इसके अतिरिक्त 8 करोड रूपये की लागत से पूर्वी विधान सभा मंे 18 विभिन्न योजनाओं के कार्य भी कराए जाएंगे।
इस अवसर पर श्री टंडन ने कहा कि ट्यूबवेल निर्माण से क्षेत्रवासियों को शुद्ध पेय जल प्राप्त होगा, साथ ही पेय जल की कमी से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी। इण्टरलाॅकिंग सड़क एवं नाली निर्माण से लोगों केा बेहतर आवागमन व गन्दगी से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश के नागरिकों केा मूलभूत सुविधायें देने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त कार्य अतिशीघ्र एवं गुणवत्तापूर्ण कराये जायंे।
कार्यक्रम में रेजीडेन्ट वेलफेयर एसोसियशन के अध्यक्ष श्री आर0के0 चुघ, श्री राममूर्ति सिंह, श्री अशोक सिंहल, श्री जे0पी0 सिंह, श्री शैलेन्द्र सिंह, श्रीमती सविता सिंह पार्षद श्री राकेश मिश्रा, श्री उमेश सनवाल, श्री चेतन विष्ट, मण्डल अध्यक्ष श्री के0पी0 सिंह, श्री राकेश सिंह आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टंडन ने शंकर पूरवा प्रथम व शंकर पुरवा द्वितीय तथा बेगम हजरत महल वार्ड महानगर में लगभग 90 लाख रूपये की लागत से विभिन्न योजनाओं का किया शिलान्यास व लोकार्पण
पशुपालन विभाग द्वारा आज यहां पशु रोग नियंत्रण (।ैब्।क्) योजना अन्तर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा0 शिप्रा पाण्डेय, नोडल अधिकारी, जैव अपशिष्ट प्रबंधन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, डा0 विशाल चन्द्रा, वैज्ञानिक, कैडरेड, बरेली एवं श्री शानू सोनकर, वैज्ञानिक, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा0 विशाल चन्द्रा द्वारा बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु किये जाने वाले उपाय एवं सैम्पिलिंग पर विस्तृत चर्चा की गयी। डा0 शिप्रा पाण्डेय एवं श्री शानू सोनकर द्वारा प्रदेश में विभागीय एवं गैर विभागीय संस्थाओं, जहां पशु चिकित्सा का कार्य किया जाता है, वहां राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशानुसार जैव अपशिष्ट प्रबंधन का पालन करने पर बल दिया गया। इनके द्वारा जैव अपशिष्ट कचरे का विधिवत निस्तारण करने के उपाय भी कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों को बताये गये। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से नामित नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
डा0 रामपाल सिंह, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र द्वारा सभी उपस्थित अधिकारियों को बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु सतत सर्विलियेन्स करने के निर्देश दिए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संतोष कुमार मलिक, निदेशक, प्रशासन एवं विकास द्वारा यह निर्देश दिया गया कि समस्त जनपदों में विभागीय संस्थाओं पर जैव अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों का पालन शीघ्र-अतिशीघ्र सुनिश्चित किया जाये।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा0 अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक, गोधन विकास, डा0 हरदेव सिंह यादव, अपर निदेशक, ग्रेड-1, नियोजन, डा0 एस0के0 अग्रवाल, संयुक्त निदेशक, इपीडी0, डा0 ए0के0 वर्मा, संयुक्त निदेशक, कुक्कुट एवं डा0 जयकेश पाण्डेय, संयुक्त निदेशक, प्रशासन, डा0 जिलेदार सिंह, संयुक्त निदेशक, रोग नियंत्रण आदि अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन डा0 ए0के0 वर्मा, संयुक्त निदेशक, मुख्यालय द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 एस0एम0 प्रसाद, उपनिदेशक, इपिडिमियोलाॅजी, पशुपालन विभाग, उ0प्र0 द्वारा किया गया। डा0 एस0 के0 अग्रवाल, संयुक्त निदेशक, इपीडी0 द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में आये समस्त अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।