नवरात्रि का नौ दिवसीय पावन पर्व आज दुर्गा विसर्जन के साथ समाप्त हो जाएगा। देश में भर में जगह-जगह लगे दुर्गा पंडाल आज उठ जाएंगे। इसके साथ जिन लोगों ने नौ दिन का व्रत रखा था वे लोग जवारे विसर्जन और पारण के साथ ही अपना व्रत तोड़ेंगे। दुर्गा विसर्जन के बाद 19 अक्टूबर यानी शुक्रवार को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
माना जाता है कि नवरात्रि के बाद 10वें दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था। रावण के वध किए जाने की खुशी में लोग तब से हर साल दशहरा मना रहे हैं। दशहरा संकृत भाषा के दश और हारा शब्दों से मिलकर बना है कि जिनका अर्थ 10 और पराजय होती है, यानी 10 सिर वाले रावण की हार। दशहरा हिन्दू पंचाग के अनुसार, अश्विन माह कृष्ण पक्ष की दशमी को मनाया जाता है कि जो शरद नवरात्रि के ठीक बाद 10वें दिन पड़ता है।
दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन उत्तर प्रदेश के बहुत से इलाकों में लोग एक -दूसरे को राम-जोहार कर दशहरा मनाते हैं। तो कुछ इलाकों में आतिशबाजी और रावण का पुतला जलाकर लोग दशहरा मनाते हैं। इस साल दशहरा 19 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जा रहा है। कई जगहों पर रामलीला का मंचन होता है जिसमें राम और लक्ष्मण द्वरा रावण व उसके परिवार के वध किए जाने का अभिनय किया जाता है। तो कहीं राम रावण के पुतले को अपने बाण से जलाते हैं।
बहुत से लोग दशहरा को गंगा स्नान या अन्य नदियों पर स्नान करते हैं। साथ आज के दिन लोग लक्ष्मी और विजय का वरदान पाने के लिए शमी नाम के पेड़ की पूजा करते हैं।
दशहरा की मान्यताएं-
दशहरा को लेकर मान्यता है कि आज के दिन ही पांडव ने शमी नाम के पेड़ की पूजा की थी जिससे उन्हें कौरवों पर विजय प्राप्त हुई थी। इसी कारण लोग इस पर्व पर शमी के पेड़ की पूजा करते हैं। दशहरा के दिन को लोग शस्त्र पूजा से भी जोड़ते हैं।
दशहरा को लेकर एक मान्यता यह भी है कि दैत्य महिषासुर के आतंक से तंग आकर देवताओं ने भगवान विष्णु की अराधना जिससके भगवान विष्णु ने देवी का रूप धारण किया और नौ दिन तक महिषासुर से युद्ध कर 10वें दिन उसका वध किया। इससे खुशी में तब से विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।