परिवहन निगम सभागार, लखनऊ में मोटरवाहन(संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत…

परिवहन निगम सभागार, लखनऊ में मोटरवाहन(संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत…

दो महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा प्रावधानों पर एक विशेषज्ञ परामर्श का आयोजन…

लखनऊ 10 फरवरी। परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने ैंअमस्प्थ्म् थ्वनदकंजपवद ;ैस्थ्द्ध के साथ मिलकर आज दिनांक 10.02.2021 को परिवहन निगम सभागार, लखनऊ में मोटरवाहन(संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत दो महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा प्रावधानों पर एक विशेषज्ञ परामर्श का आयोजन किया जो राज्य सरकार को नियम बनाने की शक्ति प्रदान करता है।
उपरोक्त कार्यशाला की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव (गृह), उत्तर प्रदेश शासन द्वारा की गयी तथा प्रमुख सचिव (परिवहन), परिवहन आयुक्त, अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात), डी0सी0पी0  (टैªफिक), विशेष सचिव (लो0नि0वि0), के अतिरिक्त प्प्ज् कानपुर, प्प्ज् रूड़की तथा उस्मानियाॅ यूनिवर्सिटी तेलंगाना के प्रोफेसर्स व पैंमि के प्रतिनिधि द्वारा प्रतिभाग किया गया। विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर्स के साथ परामर्श के अन्तर्गत सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सड़क डिजाइन, निर्माण तथा रख-रखाव, विनिमयन और गैर-मोटर चालित परिवहन के उपयोग के मानकों पर विचार किया गया ताकि उत्तर प्रदेश मे सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को कम किया जा सके।
मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 210 डी राज्य सरकार को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सड़कांे के लिए डिजाइन, निर्माण और रख-रखाव मानकों केे लिए नियम बनाने की शक्ति देता हैं। उत्तर प्रदेश मे 2019 में 2,892 मौतें सड़क पर गड्ढ़े एवं निर्माणाधीन सड़क कार्य के कारण हुई हंै, जिसे राज्य सरकार गम्भीरता से देखती है। धारा 210 डी के तहत राज्य स्तरीय नियमों का निर्माण राज्य में सड़को की गुणवत्ता मे सुधार के अलावा एक जवाबदेही ढ़ाॅचा सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 138 (1।) राज्य सरकारों को एक सार्वजनिक स्थान पर पैदल चलने वालो और गैर मोटर चालित सड़क उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों की विनियमित करने की शक्ति देती हैं। 2019 में, उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 4,676 पैदल यात्रियों और गैर मोटर चालित वाहन उपयोगकर्ताओं को अपनी जान गवानी पड़ी। पैदल यात्रियों और गैर मोटर चालित सड़क उपयोगकर्ताओं के सार्वजनिक स्थान पर गतिविधियों के विनियमन में साइकिल ट्रैक और फुटपाथ, गैर मोटर चालित वाहन लेन, आदि जैसे विशेष क्षेत्रों का निर्माण शामिल हो सकता है।
विशेषज्ञ परामर्श पर टिप्पणी करते हुए, अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि गैर मोटर चालित वाहनों एवं पैदल यात्रियों को नियम के दायरे में लाने से पहले उनके लिए व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायें। ई-चालान की पेंडिग संख्या को ई-कोर्ट के माध्यम से निस्तारित कराने हेतु न्याय विभाग से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है और ओवरस्पीडिंग के चालानों का निस्तारण समयान्तर्गत होने एवं ई-चालान की और अधिक संख्या बढ़ाये जाने के पश्चात् ओवरस्पीडिंग करने वाले के विरूद्ध प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा। व्यवसायिक वाहन चालकों के नेत्र परीक्षण नियमित रूप से कराये जाने की आवश्यकता है, हमें नियमों के अन्तर्गत प्रत्येक 02 या 03 वर्श में नियमित रूप से नेत्र परीक्षण हेतु नियमों को बनाये जाने की आवश्यकता है। आज इस कार्यशाला के माध्यम से सभी स्टेक होल्डर्स के पारस्परिक सहयोग से नियमों के प्रभावी ढ़ग से बनाये जाने मे काफी सहयोग प्राप्त होगा।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव, परिवहन, राजेश कुमार सिंह द्वारा कहा गया कि सड़कों की डिजाइनिंग, निर्माण एवं रख-रखाव की व्यवस्थाओं को नियमावली में समाहित किया जाये। अभी तक जो बिन्दु प्त्ब् ब्वकम में समाहित नही हैं, उन्हें नियमावली में समाहित किया जाये। गैर मोटर चालित वाहनों का चिन्हाॅकन कर लिया जाये जैसे साइकिल, रिक्शा, तांगा, बैलगाड़ी, हैण्डकाटर््स, एनिमलकाटर््स, आइसक्रीम ट्राली आदि को शामिल करते हुए नियमावली बनायी जाये। ब्लैक स्पाॅट के गूगल मैप पर अंकन के साथ-साथ अलर्ट सिस्टम पर भी काम किया जा रहा है, शीघ्र ही गूगल मैप के यूजर को इसका लाभ मिल सकेगा।
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने कहा, ”उत्तर प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा परिदृश्य में सुधार और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। परिवहन विभाग में सड़क सुरक्षा, 2020 पर वार्शिक कार्ययोजना को पहले ही लागू कर दिया है, और वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या को 50ः तक कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस सड़क सुरक्षा माह के दौरान, हमनें सेवलाइफ फाउडेंशन के साथ साझेदारी में विभिन्न गतिविधियों की शुरूआत की है और यह परामर्श राज्य में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनानें में हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाता है। कार्यशाला में उप परिवहन आयुक्त पुष्प सेन सत्यार्थी द्वारा सड़क दुर्घटना के 2020 के आंकड़ों पर एक प्रेजेंटेशन किया गया।
सेवलाइफ फाउंडेशन के सी0ई0ओ0 पीयूश तिवारी ने कहा कि हम राज्य की सड़कांे को सभी के लिए सुरक्षित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता की गहरायी से सराहना करते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण हैं कि जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्य के नियमों में सड़क डिजाइन निर्माण और रख-रखाव के लिए मानक तय किये जाये। पैदल यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ, गैर मोटर चालित वाहन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए नियमों की अत्यधिक महत्व है। हमें विश्वास है कि इन प्रयासों से हम राज्य में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत व्यापक व अपेक्षित सुधार पूर्ण कर सकेंगे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…