*देश में दुर्लभ बीमारी डीएमडी से पीड़ितों की संख्या पांच लाख,*

*देश में दुर्लभ बीमारी डीएमडी से पीड़ितों की संख्या पांच लाख,*

*इलाज के लिए बजट नहीं : सरकार*

*नई दिल्ली।* स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि देश में पांच लाख लोग दुर्लभ बीमारी ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) से ग्रस्त हैं और इनका उपचार अनुवांशिकी पद्धति से करने की जरूरत हैएवं प्रत्येक मरीज के इलाज पर सालाना पांच करोड़ रुपये का खर्च आएगा, लेकिन सरकार के पास बजट नहीं है। मंत्रालय ने यह जानकारी डीएमडी से ग्रस्त दो बच्चों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान दी। उल्लेखनीय है कि डीएमडी एक दुर्लभ अनुवांशिकी बीमारी है जो लड़कों को प्रभावित करती है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की अदालत में स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव डॉ.पुल्केश कुमार ने भरोसा दिया कि दुर्लभ बीमारियों पर नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2020 इस साल 31 मार्च तक अधिसूचित कर दी जाएगी जिसमें दुलर्भ बीमारियों के महंगे इलाज एवं दवा के लिए चंदे का प्रावधान होगा। अदालत ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद मामले की सुनवाई 19 फरवरी को सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘हमें बड़े स्तर पर समाधान तलाशने की जरूरत है।’’ इससे पहले अदालत ने मंत्रालय से कहा कि वह कंपनी – अमेरिका स्थित सरेप्टा थेरापेटिक- को लिखे जो डीएमडी के लिए प्रायोगिक दवा बनाती है कि क्या वह इन दोनों बच्चों को मुफ्त में दवा देने पर विचार कर रही है जिनके परिवार इतनी महंगी दवा नहीं खरीद सकते हैं।