मोदी सरकार के बजट से आम लोगों को हुआ यह फायदा…

मोदी सरकार के बजट से आम लोगों को हुआ यह फायदा…

 सोना-चांदी भी होंगे सस्ते…

 

नई दिल्ली, 02 फरवरी। कोरोना वायरस की मार से प्रभावित अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार ने अगले वित्त वर्ष में बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन को दोगुना से अधिक कर दिया है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया गया है। एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने व्यक्तिगत या कॉरपोरेट कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आज अपने कार्यक्रम में हम आपको यह बताएंगे की इस बजट से आम लोगों को क्या मिला।

 

सरकार ने कहा कि मुफ्त रसोई गैस एलपीजी योजना (उज्ज्वला योजना) का विस्तार किया जाएगा तथा एक करोड़ और लाभार्थियों को इसके दायरे में लाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने सोमवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा।

 

सरकार ने सस्ते मकानों की खरीद के लिए आवास ऋण के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कर कटौती को एक साल और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक करने की घोषणा की है। इस कदम से सुस्त पड़े रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

 

सरकार ने बजट में वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी है। इसके तहत एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष के लिये 75 साल और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागिरकों को पेंशन आय और मियादी जमाओं से मिलने वाले ब्याज के लिये आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इस लाभ के लिये जरूरी है कि पेंशन और ब्याज एक ही बैंक में आये।

 

आम आदमी को बजट से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी जैसी कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन तेल उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की, लेकिन साथ ही उपकर लगा दिया।

 

सरकार ने स्टार्टअप के लिए कर अवकाश का दावा करने और उनमें निवेश के लिए पूंजीगत लाभ की छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक करने का प्रस्ताव किया।

 

किसान आंदोलन के बीच कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए 5.63 प्रतिशत अधिक यानी 1,31,531 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है और इसका आधा हिस्सा प्रधानमंत्री-किसान योजना पर खर्च किया जाएगा, जबकि कृषि-आधारभूत ढांचा कोष एवं सिंचाई कार्यक्रमों के लिए धनराशि की उपलब्धता में मामूली वृद्धि की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है। इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है।

 

बजट में किये गये प्रस्तावों से घरों में उपयोग होने वाले रेफ्रिजरेटर, एलईडी लाइट और मोबाइल फोन जैसे सामान महंगे हो जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश बजट में आयातित कल-पुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाये जाने का प्रस्ताव किया। हालांकि सोने और चांदी के आयात पर सीमा शुल्क युक्तिसंगत किये जाने से ये मूल्यवान धातुएं सस्ती होंगी। रेफ्रिजरेटर और एसी के लिये कॉम्प्रेसर पर सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया, जबकि एलईडी लैंप, कल-पुर्जों पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया है। इसी प्रकार, सौर इनवर्टर पर सीमा शुल्क 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और सौर लैंप पर शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट …