हनीमून डेस्टिनेशनः प्यार का रोमानी सफर…

हनीमून डेस्टिनेशनः प्यार का रोमानी सफर…

 

शादी के बाद प्यार के पहले खुशनुमा-यादगार अहसास की बात हो तो चुनें ऐसा सफर, जहां लहरों पर अठखेलियां करतीं किरणें, खूबसूरत लैंडस्केप, बर्फ से ढके पहाड़ हो। ऐसे मन खुद-ब-खुद रोमांच के लिए मचल उठता है। चलें ऐसे ही हसीन डेस्टिनेशंस पर, जहां प्यार का सफर और रोमानी हो जाएं…

 

प्यार का परफेक्ट डेस्टिनेशन है कुर्ग

अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण कुर्ग को भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है। हनीमून के लिहाज से यह बेहद ही खूबसूरत जगह है। यहां की शांति और कुदरत के अनुपम सौंदर्य के बीच हनीमून के रोमांटिक पलों को ताउम्र भुला नहीं पाएंगे। यहां की वादियों में चलने वाली खुशनुमा हवा का स्पर्श आपके रोम-रोम को एक नया अहसास देगा। कर्नाटक में स्थित कुर्ग को कोडागू भी कहा जाता है। यहां घूमने के लिए कई सुंदर पर्यटन स्थल मौजूद हैं।

 

राजा सीट पार्क का अपना एक अलग आकर्षण है। यहां से सूर्यास्त होते हुए देखना एक अलग अनुभव होगा। यहां से हरी-भरी घाटी और धुंध में छिपे पहाड़ों का सौंदर्य देखते ही बनता है। दूर-दूर तक फैली हरियाली और नदी के कल-कल कर बहते हुए पानी की आवाज। ऐसा सुंदर और मनमोहक नजारा देखना चाहते हैं, तो निसारगधमा चले आइए। इसके अलावा, कुशाल नगर में प्रसिद्ध तिब्बती मोनेस्ट्री की सैर के बाद आप धार्मिक क्षेत्र इरुप्पू भी घूम सकते हैं।

 

लक्ष्मणतीर्थ नामक नदी यहां बहती है। कहा जाता है कि राम और लक्ष्मण सीता को ढूंढते हुए यहां से गुजरे थे। मादिकेरी से करीब 110 किलोमीटर दूर नागरहोल वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी है। पार्क के बीचोंबीच सर्पीली नदी बहती है, जिसके नाम पर इसे नागरहोल कहा जाता है। यहां का नजदीकी एयरपोर्ट मैंगलोर 135 किलोमीटर और बेंगलुरु 250 किलोमीटर की दूरी पर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन मैसूर 150 किलोमीटर दूर है। बेंगलुरु, मैसूर, मैंगलोर से यहां के लिए नियमित बसें और टैक्सी चलती है।

 

मॉरीशसः कुदरत का करिश्मा

हनीमून की बात हो और वह भी देश से बाहर, तो मॉरीशस से अच्छा क्या हो सकता है, क्योंकि इस शहर में आपको कुछ भी अनजान नहीं लगेगा। जब आप यहां पहुंचेंगे, तो सब कुछ जाना-पहचाना सा लगेगा। यहां की भाषा, लोग सब अपने जैसे ही लगते हैं। यहां बिखरा कुदरत का करिश्मा हनीमून कपल्स का मन जरूर मोह लेगा। खूबसूरत सागर और सफेद चमकती रेत देखकर ऐसा लगता है मानो इस छोटे से द्वीप को कुदरत ने खुद अपने हाथों से सजाया हो।

 

यहां के समुद्री तट और जलप्रपात अभिभूत कर देंगे। बे ड्यू टैमेरिन, बे ड्यू टॉम्ब्यू, बेले मेयर और ब्लू बे जैसे समुद्री तट देखने लायक है। टैमेरिन नदी के मुहाने पर स्थित बे डयू टैमेरिन सर्फिंग का केंद्र है। राजधानी पोर्ट लुई से मात्र 15 मिनट की दूरी पर मौजूद बे ड्यू टॉम्ब्यू पर कोको को निहारना अपने आप में रोमांचकारी हो सकता है। चारों ओर समुद्र से घिरा मॉरीशस एक ऐसा द्वीप है, जहां के सुंदर रेतीले बीच सैलानियों को सम्मोहित कर लेते हैं। मछली पकड़ने का शौक रखने वालों को यहां नाव मिल जाती है। नेशनल पार्क, विक्टोरिया संग्रहालय देखने लायक है। स्कूबा डाइविंग, वॉटर-स्कीइंग जैसे वॉटर स्पोट्र्स का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं। फ्लॉक मार्केट बड़ा बाजार है, जहां वीकली हॉट लगता है। पोर्ट लुई में अधिकतर भारतीय हिंदीभाषी लोग है। एक तरह से यहां छोटा भारत बसता है।

 

मकाऊ-हांगकांगः रंगीनियत के लिए मशहूर

चीन के दक्षिणी-पूर्वी तट स्थित मकाऊ बेहद खूबसूरत शहर है। यहां हर तरफ वैभव बिखरा पड़ा है। मकाऊ की प्रसिद्धि की एक बड़ी वजह कैसिनो और यहां की गैम्बलिंग की दुनिया है। इसलिए इसकी तुलना लास वेगास से भी की जाती है। यहां रात के नजारे बिल्कुल अलग ही होते हैं। यहां दिन और रात में आसमान का रंग भले ही बदल जाए, लेकिन माहौल की रंगीनियत चैबीसों घंटे एक जैसी रहती है। पुर्तगाल का उपनिवेश होने की वजह से मकाऊ में चीन के साथ-साथ यूरोपीय शैली की छाप भी देखी जा सकती है।

 

मकाऊ टावर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इसकी ऊंचाई करीब 333 मीटर है। ताइपा और कोलोन पर्यटकों को लुभाने के लिए आकर्षक स्थल हैं। मकाऊ का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ताइपा द्वीप पर है। मकाऊ के लिए दुनिया भर से उड़ानें हैं। अगर हांगकांग की बात करें, तो यहां की ऊंची-ऊंची इमारतें मानो आसमान को छू रही हों। हांगकांग की सबसे प्रसिद्ध और विशाल इमारत है बैंक ऑफ चाइना टावर। यहां एचएसबीसी का मुख्यालय भी भव्यता के लिए मशहूर है। हांगकांग दक्षिणी चीनी सागर में 236 द्वीपों का समूह है, जिनमें मुख्य हैं-हांगकांग द्वीप, कोलोन और न्यू टेरेटरीज। चीन की मुख्य भूमि और न्यू टेरेटरीज के बीच शाम-चुन नदी बहती है। लैन्चू द्वीप यहां का सबसे बड़ा टापू है। हांगकांग चीन का हिस्सा है। यह दुनिया का एक प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह है।

 

यहां नैन व्यूलिंग पार्क, सिम शा सुई डेक, हॉलीवुड रोड, मान मो मंदिर, हुंगशिंग मंदिर देखने लायक जगह है। हांगकांग के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की बिल्डिंग यहां की सबसे ऊंची इमारत है। दिल्ली और मुंबई से हांगकांग के लिए कई देशी-विदेशी एयरलाइंस की रोजाना सीधी उड़ानें हैं।

 

बालीः खूबसूरत बीच के लिए मशहूर

इंडोनेशिया का बाली द्वीप रोमांटिक और हनीमून डेस्टिनेशन के रूप में दुनियाभर में मशहूर है। भारत के लोगों के बीच भी यह काफी लोकप्रिय है। इस साल भी बड़ी संख्या में हनीमून के लिए लोग पहुंचने वाले हैं। यहां के खूबसूरत बीच, प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध संस्कृति मनमोहक है। बाली वाटर स्पोट्र्स डेस्टिनेशन के तौर पर भी जाना जाता है। भारत की हिंदू सभ्यता यहां पूरी तरह जीवंत है। बाली में समुद्र के किनारे पहाड़ी पर स्थित टनाह लोट मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। रामायण और महाभारत का प्रभाव भी बाली में देखा जा सकता है। बाली को कला और संस्कृति के लिए भी जाना जाता है।

 

मैक्लोडगंजः प्रकृति का अनुपम सौंदर्य

चारों तरफ पहाड़, घने जंगल और प्रकृति की ऐसी खूबसूरती, जिससे नजर हटाने का मन ही न करें। हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी ही जगह है मैक्लोडगंज। शांत वादियों और प्रकृति के बीच अपना हनीमून प्लान करने वालों के लिए इस जगह से अच्छा भला और क्या हो सकता है। धर्मशाला बस अड्डे से करीब 9 किमी. की ऊंचाई पर बसा है मैक्लोडगंज। तिब्बती लोगों की संख्या अधिक होने के कारण यहां की संस्कृति पर उनका असर ज्यादा दिखता है।

 

अगर यहां के मुख्य आकर्षण की बात करें, तो दलाई लामा के मंदिर के साथ-साथ तिब्बत म्यूजियम देखने लायक जगह है। इसके बाद यहां के प्रमुख बौद्ध मठ में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। अगर अप्रैल महीने में यहां आते हैं, तो तिब्बत इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट में हर साल आयोजित होने वाले भव्य उत्सव का आनंद उठा सकते हैं।

 

कश्मीर की तरह यहां भी एक डल झील है, जो मैक्लोडगंज से करीब दो किमी. की दूरी पर है। हालांकि यह झील उतनी बड़ी नहीं है, लेकिन है बहुत लुभावनी। झील के चारों ओर देवदार के बड़े-बड़े पेड़ यहां आने वाले टूरिस्ट्स को खूब आकर्षित करते हैं। यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा गग्गल है, जो धर्मशाला से 15 किमी. की दूरी पर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन कांगड़ा है, जो धर्मशाला से 20 किमी. दक्षिण में है। यहां से 85 किमी. की दूरी पर पठानकोट रेलवे स्टेशन है।

 

शिलांगः पूर्वोत्तर का स्कॉटलैंड

मेघालय की राजधानी शिलांग बेहद खूबसूरत शहर है। पहाड़ियों पर बसे इस छोटे से शहर को पूर्वोतर का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। हनीमून कपल्स के लिए यह परफेक्ट डेस्टिनेशन है। खासकर मानसून के दौरान तो यहां की सुंदरता देखते ही बनती है। शिलांग की ऊंचाई समुद्र तल से करीब 1496 मीटर और शिलांग पीक की ऊंचाई करीब 1966 मीटर है।

 

शिलांग से सबसे ऊंची शिलांग पीक का नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। बोटिंग के शौकीन हैं, तो कृत्रिम झील वाड्र्स में यह सुविधा उपलब्ध है। यह झील खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है। यहां आकर आपको जरूर अच्छा लगेगा। मीठा झरना भी देखने लायक जगह है। भीड़भाड़ से दूर किसी बेहद शांत जगह की तलाश है, तो कपल्स को यह जगह पसंद आ सकती है। इसके अलावा, एलीफेंट फॉल के आस-पास का प्राकृतिक सौंदर्य भी मनमोहक है।

 

सोहरा शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। पहले इसका नाम चेरापूंजी था। यह स्थान सबसे ज्यादा बारिश के लिए जाना जाता रहा है। नोहकालीकाई झरना, शिलांग गोल्फ कोर्स, मोटफ्रान, बटरफ्लाई म्यूजियम, आर्ट गैलरी, स्टेट म्यूजियम आदि भी देख सकते हैं। शिलांग से 40 किलोमीटर की दूरी पर उमरोई एयरपोर्ट है। कोलकाता और गुवाहाटी से यहां के लिए सीधी फ्लाइट है। गुवाहाटी यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो शिलांग से करीब 104 किलोमीटर दूर है।

 

लाहौल-स्पीतिः बुला रही हैं हरी-भरी घाटियां

हनीमून टूर प्लान कर रहे हैं, तो हिमाचल का लाहौल-स्पीति एक बेहतरीन डेस्टिनेशन हो सकता है। चारों तरफ झील, बर्फ से ढके शिखर और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य मनमोहक है। लाहौल और स्पीति एक दूसरे से सटी अलग-अलग घाटियों के नाम हैं। लाहौल एकदम हरा-भरा है, तो स्पीति घाटी बर्फीला रेगिस्तान है। लाहौल-स्पीति जाने का एक रास्ता कुल्लू जिले के रोहतांग दर्रे से होकर जाता है। रोहतांग पहुंचने के लिए पहले मनाली जाना पड़ता है, जो कुल्लू से लगभग 40 किलोमीटर आगे है। सूरजताल, चंद्रताल, मनि यंग छोह और ढंकर छोह लाहौल स्पीति की चार प्रमुख झीलें हैं, जो बर्फीले शैल शिखरों के बीच में स्थित हैं। शिमला से बस-टैक्सी उपलब्ध हैं। हिमाचल में इन घाटियों तक जाने वाले दर्रे आमतौर पर पूरे साल बर्फ से ढके रहते हैं।

 

पुड्डचेरीः प्यार का अलग अहसास

हनीमून ताउम्र याद रखने वाला एक खूबसूरत लम्हा होता है। इसे यादगार बनाने में पुड्डचेरी आपकी मदद कर सकता है। हनीमून कपल्स को यहां बिल्कुल एक अलग-सा अहसास होगा। दरअसल, यहां फ्रांसीसियों ने वर्षो तक शासन किया था, इसीलिए यहां आने के बाद ऐसा लगेगा जैसे कि आप फ्रांस के प्रभाव वाले किसी क्षेत्र में आ गए हों। करीने से सजे गार्डन, खूबसूरत चर्च, ऐतिहासिक इमारतों के साथ-साथ यहां की साफ और चैड़ी सड़कें जरूर आकर्षित करेंगी।

 

यहां की हरियाली और संस्कृति का कोई जवाब नहीं है। कपल्स को इस शहर की खूबसूरती जरूर पसंद आएगी। यह भारत के चुनिंदा हनीमून डेस्टिनेशंस में से एक है। समुद्री तटों के किनारे नारियल के पेड़, फिशिंग विलेज के अलावा श्री अरबिंदो आश्रम, ऑरोविले शहर, गांधीजी की मूर्ति, मातृ मंदिर, फ्रांसीसी युद्ध स्मारक, जोसफ फ्रेंकोअस डुप्लीक्स और आर्क केजोन की प्रतिमाएं सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

 

इसके अलावा, बॉटनिकल गार्डन, ऑसटेरी वेटलैंड, पांडिचेरी संग्रहालय, जवाहर खिलौना संग्रहालय, भारथिदसन संग्रहालय, राष्ट्रीय पार्क आदि भी देख सकते हैं। पुड्डचेरी का निकटतम हवाई अड्डा 135 किलोमीटर दूर चेन्नई में है। यहां का निकटतम रेलवे जंक्शन विल्लुपुरम है, जो चेन्नई, मदुरई और त्रिची से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

 

गंगटोकः प्राकृति के बीच रोमांस

सिक्किम की राजधानी गंगटोक ऐतिहासिक मठों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है। गंगटोक की ऊंचाई समुद्र तल से 1547 मीटर है। रानीपुल नदी के तट पर बसे इस शहर से बर्फ से ढकी कंचनजंघा श्रेणी की चोटियों को देखना रोमांचित कर सकता है। यहां ऐसा लगता है जैसे पर्वत आकाश से सटा हुआ है और हल पल अपना रंग बदल रहा हो।

 

साल भर वर्षा होने के कारण यहां का मौसम काफी मनमोहक होता है। खासकर हनीमून कपल्स को यहां का मौसम काफी पसंद आ सकता है। बौद्ध मठ, स्तूप और प्राकृतिक खूबसूरती के कारण यहां आकर बिल्कुल एक अलग अहसास होगा। दर्शनीय स्थल की बात करें, तो गणेश टोक, हनुमान टोक, इनहेंची मठ, ऑर्किड अभयारण्य, टिसुक ला खंग, ताशि व्यू प्वांइट देखने लायक जगहें हैं।

 

यहां से 40 किलोमीटर की दूरी पर सोमगो झील है। झील बर्फीली पहाड़ियों के बीच में है। रुमटेक भी देख सकते हैं, जो काफी पुराना मठ है। सबसे नजदीकी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी में है। यहां सबसे व्यस्त मार्ग गंगटोक को सिक्किम से जोड़ने वाली सड़क है। सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग, कलिंगपोंग, बागडोगरा आदि से गंगटोक के लिए सरकारी और प्राइवेट बसें चलती हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट …