बिजली का तार गिरने से हुई मौत के मामले में हाईकोर्ट ने…
बीएसईएस पर लगा 10 लाख का जुर्माना…
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए बीएसईएस को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला एक युवक की मौत से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक युवक की बिजली की नंगी तार की चपेट में आने से मौत हो गई थी। जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने कहा कि तारों का रखरखाव बिजली कंपनी का काम है और यह घोर लापरवाही है। कोर्ट ने बीएसईएस और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को संयुक्त रूप से 10 लाख रुपये की जुर्माने की राशि भरने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की राशि कैसे भरी जाएगी। यह दोनों कंपनियां आपस में समझेंगी। याचिका बिहार की रहने वाली मुन्नी देवी ने दायर की थी। मुन्नी देवी के 23 वर्षीय पुत्र मिंटू के साइकिल पर बिजली की नंगी तार गिर गई, जिसकी चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। याचिका में कहा गया था की मुन्नी देवी एनीमिया से ग्रसित है। उनके पति की सालाना आमदनी 48 हजार है। उनके परिवार की आमदनी का दूसरा कोई स्रोत नहीं है। 2009 में उसके पुत्र की बिजली का तार गिरने से मौत हो गई थी। उसके बाद से वह न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यह मामला बीएसईएस के वितरण के क्षेत्राधिकार में आता है। बीएसईएस ने कहा कि उसे युवक की मौत की कोई जानकारी नहीं है। तब कोर्ट ने कहा कि बीएसईएस की दलील पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…