सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह के 354 वें प्रकाशोत्सव दिवस गुरुद्वारा सिधौली में मनाया गया…
सिधौली(सीतापुर) गुरु गोविंद सिंह जी अन्याय अत्याचार और अधर्म के विरुद्ध धर्म को बनाये रखने के हमेशा लड़ाई की और हमे उनके बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए यह बात सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह के 354वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर आज कस्बे के मोहल्ला गोविन्द नगर स्थित गुरुद्वारा में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उपजिलाधिकारी सन्तोष कुमार राय ने गुरुद्वारा में कहा वही आज गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया वही गुरुद्वारा में एसडीएम सिधौली सन्तोष कुमार राय कोतवाली प्रभारी उमाकांत दीपक व पूर्व नगर पंचायत गंगाराम राजूपत की मौजूद मौजूदगी में केक काटा गया सभी ने पर्व की एक दूसरे को बधाई दी
इस अवसर पर सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने ही साल 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। उनका जीवन अन्याय,अधर्म,अत्याचार और दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए गुजरा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था. उन्होंने खालसा वाणी – “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह” भी दी.गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत भी बताए जिन्हें ‘पांच ककार’ कहा जाता है। पांच ककार में ये पांच चीजें आती हैं जिन्हें खालसा सिख धारण करते हैं। ये हैं- ‘केश’, ‘कड़ा’, ‘कृपाण’, ‘कंघा’ और ‘कच्छा’ इन पांचो के बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारे में विधि विधान से पूजन आर्चन किया गया और गुरुद्वारा व तहसील मार्ग पर लंगर का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह, रघुवीर सिंह,जसवीर सिंह रागी, सिक्ख सेवा सोसायटी के अध्यक्ष हरजीत सिंह(कारी),विक्की सिंह,सरदार गुरप्रीत सिंह,बल्लू सिंह,सभासद दिग्विजय शुक्ला “मुन्नन”,जाग्रत,उपेन्द्र त्रिपाठी, शैली सिंह, अमरजीत कौर,सिमर जीत, गुरनेक सिंह,इसमित कौर,दक्षवीर सिंह,राज सिंह,
सभी सिख समुदाय के महिलाये व पुरुष मौजूद रहे ।
पत्रकार जाग्रत मिश्रा की रिपोर्ट…