गैर कांग्रेसी सरकारों ने बुनकर समाज का सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया…
पिछड़े वर्ग में बुनकर समाज आज सबसे दयनीय स्थिति में- शाहनवाज आलम…
स्वतंत्रत्रा सेनानी अब्दुल कय्यूम की पुण्यतिथि को “बुनकर सम्मान दिवस” के रूप में मनाया गया…
लखनऊ। कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने स्वतंत्रता सेनानी, बिहार के पूर्व मंत्री और मोमिन अंसार आंदोलन के जनक अब्दुल कय्यूम अंसारी की पुण्यतिथि को मंगलवार को “बुनकर सम्मान दिवस” के रूप में मनाया। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम के अनुसार 18 जनवरी को हर जिले से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेज कर बुनकरों की समस्याओं के समाधान की मांग की गई। इसके अलावा अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा हर जिले के चिन्हित बुनकरों को कांग्रेस नेतृत्व वाली सिंह सरकार द्वारा 2005 में अब्दुल कय्यूम अंसारी पर जारी डाक टिकट की प्रतिलिपि दे कर सम्मानित किया गया।
कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित बुनकर सम्मान दिवस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री आरके चौधरी, पूर्व आईएएस अनीस अंसारी एवं शाहनवाज आलम ने लखनऊ से चारमिनारी मस्जिद-बाजारखाला के मो. नाजिम “नज्जू अंसारी” एवं उनके साथियों व अन्य लोगों को विशेष रूप से सम्मानित किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों में उत्तर प्रदेश के बुनकरों की स्थिति काफी मजबूत थी, विभिन्न जिलों में कताई मिलें लगी थीं। बनारस, मुबारकपुर, अम्बेडकर नगर, सीतापुर, मेरठ के बुनकरी विश्व बाजार में अपनी पहचान बना चुकी थी, लेकिन गैर कांग्रेसी सरकारों ने बुनकरों से वोट तो लिया लेकिन उनके विकास के लिए कुछ नहीं किया। बुनकर समाज पिछड़े वर्ग में आज सबसे दयनीय स्थिति में है।
शाहनवाज आलम ने आरोप लगाया कि सपा के पिछड़ावाद में मुस्लिम जातियां जैसे अंसारी, कुरैशी, सलमानी, इदरीसी, मलिक, सैफी, फकीर, कुंजड़ा, बंजारा, झोंझा सिर्फ वोटर की हैसियत रखती हैं जिनका काम मुलायम सिंह यादव के लोगों को वोट दे कर विधायक और सांसद बनाना था, लेकिन अब पसमांदा समाज सपा की मुस्लिम विरोधी मानसिकता को समझ चुका है। उन्होने कहा कि कांग्रेस लगातार सदन से लेकर सड़क तक प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में आवाज उठा रही है। बनारस में बुनकरों के सम्मेलन में शामिल होने के कारण कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर फर्जी मुकदमें तक लाद दिए गए।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,