मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम की कार्यप्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाया गया…
लखनऊ 18 जनवरी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम की कार्यप्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व प्रभावी बनाया गया है तथा निगम द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यो में तेजी लाते हुये उनके समयबद्ध निस्तारण पर विशेष बल दिया गया है, जिसके फलस्वरूप हानि में चल रहा यह निगम अब लाभ की ओर अग्रसर है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में जहाॅ निगम रू0 11.29 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2019-20 में रू0 7.12 करोड़ के घाटे में चल रहा था, वहीं वर्ष 2020-21 से लाभ की ओर अग्रसर हुआ है एवं इसके उपरान्त निगम का लाभ निरन्तर बढ़ता जा रहा है, जो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में रू0 4.00 करोड़ से अधिक हो गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आवास निगम, एच0आर0 शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित किये गये पुलिस विभाग के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के तहत पुलिस आवास निगम द्वारा कुल 155 निर्माण कार्य कियेे जा रहे हैं। इसके तहत 29 फायर स्टेशन, 17 थानों एवं 7 पुलिस चैकियों के आवासीय एवं अनावासीय भवनों का निर्माण कार्य निगम द्वारा किये जा रहे है। निगम द्वारा 44 जनपदों की पुलिस लाइन्स में ट्रांजिट हास्टल (जी$8) तथा 100 (जी$5), 150 (जी$8) एवं 200 (जी$11) पुरूष हेतु बैरक/हास्टल (बहुमंजिला भवनों) से सम्बन्धित 58 निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। साथ ही 44 जनपदों की पुलिस लाइन्स में 24, 32 एवं 48 महिलाओं हेतु हाॅस्टल/बैरक (जी$3) के 44 निर्माण कार्य प्रगति पर है। नये स्वीकृत निर्माण कार्यों हेतु मानचित्र में अनेक विशेषताओं का समावेश किया गया है। महिलाओं हेतु विशेष सुविधाओं में उनकी निजता एवं सम्मानजनक रहन-सहन के लिए अलग-अलग केबिन, कपडे़ सुखाने हेतु कोर्टयार्ड एवं उनके लिए निर्मित कक्ष के साथ-साथ किचनेट (छोटी रसोई) का प्राविधान रखा गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आवास निगम ने यह भी बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों की पुलिस लाइनों हेतु स्वीकृत बहुमंजिलें भवन फ्रेम्ड स्ट्रक्चर में निर्मित होने के कारण जहाॅ अधिक मजबूत निर्माण होगा वहीं शहरी क्षेत्रों में भूमि की बचत भी सुनिश्चित की गयी है। उक्त के अतिरिक्त स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देते हुए प्रति 04 व्यक्तियों पर एक शौचालय की व्यवस्था की गयी है, जो कि पूर्व में प्रति 08 व्यक्ति पर एक शौचालय की थी।
श्री शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस आवास निगम को 155 कार्यों हेतु रू0 100688 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी है। निगम द्वारा जिन 15 जिलों में फायर स्टेशनों का निर्माण कार्य किया जा रहा है उनके नाम क्रमशः सीतापुर, हरदोई, इटावा, बहराइच, देवरिया, कुशीनगर, मऊ, महाराजगंज, कानपुर, गोरखपुर, बुलन्दशहर, रायबरेली, बलिया, गोण्डा एवं उन्नाव हैं।
निगम द्वारा जिन 44 जिलों की पुलिस लाइन्स में महिलाओं के लिए बैरक/हास्टल, पुरूषों हेतु बैरक/हास्टल तथा ट्रांजिट हास्टल (बहुमंजिला भवनों) का निर्माण कार्य किया जा रहा है, उनके नाम क्रमशः हमीरपुर, मुजफ्फरनगर, लखनऊ, रामपुर, हाथरस, उन्नाव, मऊ, फिरोजाबाद, बरेली, मेरठ, गोरखपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, देवरिया, बांदा, महोबा, प्रतापगढ़, चित्रकूट, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, खीरी, हरदोई, बलरामपुर, मैनपुरी, कानपुर देहात, एटा, आगरा, अलीगढ़, बदायॅू, मथुरा, पीलीभीत, अयोध्या, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, ललितपुर, जालौन, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली व फतेहगढ़ हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…