*दंपतियों को मिली संजीवनी, दिलों में फैल रही प्यार की रौशनी*
*हजारों अनसुलझे रिश्तों की डोर सुलझाने के साथ मुख्यमंत्री की पहल को साकार कर रही प्रिंसी*
*लखनऊ।* रिश्तों में प्यार की मिठास रहे, एक न मिटने वाल एहसास रहे, कहने को छोटी से हैं ये जिन्दगी, लम्बी हो जाए अगर अपनों का साथ रहे…..जी हां आज यह चंद लाइनें उस नारी शक्ति पर संजीदा बैठती है। जिसने अपनेपन के एहसास और सूझ बूझ के चलते हजारों दंपतियों के जीवन में मिठास घोलकर उन्हें संजीवनी दी है। इसके साथ ही महिला अधिकारों एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल “नारी शक्ति मिशन अभियान” को भी साकार कर रही हैं।
*5 हजार रिश्तों को टूटने से बचाया*
दरअसल, बरेली जिले में वनस्टाॅप सेंटर 181 में कार्यरत प्रिंसी सक्सेना उन तमाम दंपतियों लिए नज़ीर बन चुकी हैं। जो अपने रिश्तों की डोर को सुलझाने के लिए थाना पुलिस व अधिकारियों के दफ्तर में भटकते थे। वह कई बिखरते परिवारों की गृहस्थी को एक बार फिर से नए सिरे से जोड़कर सांवर रही हैं। दंपति को प्यार से जिंदगी जीने का रास्ता दिखला रही हैं। यही नहीं घर की मामूली कहासुनी को बंद दरवाजे के भीतर हल करने के फार्मूले भी दे रही हैं। उनका कहना है कि, वनस्टाॅप सेंटर की टीम बिखरते परिवारों को जोड़ने और पति-पत्नी के बीच अहम को छोड़ने भी अहम भूमिका निभा रही है। यही वजह है कि यह मुहिम भी रंग ला रही है। जिसके चलते अब तक पांच हजार से ज्यादा गृहस्थी टूटने से बच गई। उन्होने बताया कि पति-पत्नी का रिश्ता प्यार और विश्वास की नींव पर टिका होता है। लेकिन इस रिश्ते में कई बार दंपति का अहंकार हावी हो जाता है। जिसके चलते ये दंपति ज़रा सी बात पर भी एक-दूसरे से जुदा होने के अलावा आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। सीधेतौर पर उनके अलगाव का असर उनके बच्चों पर भी पड़ता है। अक्सर पति-पत्नी एक दूसरे पर झूठे संगीन आरोप लगाकर कानूनी उलझन में फंसकर रह जाते हैं।
*नई शादियों में आती है शिकायतें*
प्रिंसी का कहना है कि, अमूमन साल भर मे ही सात फेरो और सात जन्मों का बंधन थानों और पुलिस चौकियों में दरकता दिखाई पड़ता है। जिले में हर दूसरे तीसरे दिन घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीडन और यौन हिंसा के मामले दर्ज होते हैं। बताया कि खासतौर पर नई शादी में पारिवारिक समस्या एक चुनौतीपूर्ण ढंग से खड़ी हो जाती है। असल में शादी के होने बाद ससुराल में नववधु को नया परिवार को समझने में भी काफी वक्त लगता हैं।
एक ओर उनका मानना है कि सोशल मीडिया मसलन फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सअप ने भी दंपतीयों के जीवन मे अलगाव पैदा कर दिया है। जिस वजह से उनके रिश्तों में एक शक की दीवार भी खड़ी हो जाती है। काफी हद तक उनका शक विवाद में तब्दील होने लगता है। और घर का झगड़ा सड़क फिर थानों और चौकियों तक पहुंच जाता है।
*गरीब बच्चों के निशुल्क शिक्षा*
खासतौर पर प्रिंसी पिछले दो साल से गरीबों के बीच शिक्षा की अलख जगा रही हैं। वह एलकेजी से लेकर 8वीं कक्षा तक के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने के साथ ही उन्हें मुफ्त पाठ्य सामाग्री भी उपलब्ध करा रही हैं। इसमें ऐसे परिवार के बच्चे शामिल हैं जिनके पास स्कूल भेजने से लेकर घर में जरूरत की सामग्री भी नहीं है। इतना सामर्थ्य ही नहीं कि वो कुछ खरीद सकें। वह गरीब और जरूरमतंद बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगाने के साथ सामाजिक सरोकारों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी भी निभाती हैं। समय-समय पर वह गरीब परिवार के महिलाओं को कम्बल साड़ी से लेकर खाद्य सामाग्री तक मुहैया कराती हैं। वहीं आरटीई के तहत दाखिला लिये गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ने में कोई परेशानी न हो इसके की तैयारी करवाने के लिए प्रिंसी ने नि:शुल्क ट्यूशन देना शुरू किया। पढ़ाई के अलावा इन बच्चों को पठन-पाठन सामग्री भी मुफ्त में दिया जाता है, ताकि बच्चों को कोचिंग करने के बाद भी घर में पढने में कोई परेशानी ना हो।