बादशाह खान अस्पताल का नाम बदलने पर भड़के प्रीतीश नंदी…
मुंबई। फरीदाबाद में बादशाह खान अस्पताल का नाम बदलने के हरियाणा सरकार के फैसले की चौतरफा आलोचना हो रही है। अब फिल्म निर्माता और पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रीतीश नंदी ने सरकार को इस फैसले को लेकर घेरा है। प्रीतीश नंदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, यह बहुत ही बेवकूफी भरा विचार है। बादशाह खान एक नेशनल हीरो हैं। आप उनका नाम नहीं हटा सकते। आप एक भारत रत्न का अनादर करना चाहते हैं या आप उसे भी ले लेना चाहते हैं?
बता दें कि 5 जून, 1951 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया गया था। बादशाह खान अस्पताल का नाम पूर्व स्वतंत्रता सेनानी और लोगों के लोकप्रिय नेता अब्दुल गफ्फार बादशाह खान के नाम पर रखा गया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देशों पर 3 दिसंबर, 2020 को हरियाणा स्वास्थ्य सेवा के डायरेक्टर जनरल इस अस्पताल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के नाम पर रखे जाने का नोटिफिकेशन जारी किया।
भाटिया सेवक समाज के अध्यक्ष 79 वर्षीय मोहन सिंह भाटिया ने कहा, अब्दुल गफ्फार बादशाह खान उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत (एनडब्लूएफपी) से आए थे। हमारे कई बुजुर्ग स्वतंत्रता-पूर्व युग में उनके द्वारा गठित खुदाई खिदमतगार (भगवान के सेवक) संगठन का हिस्सा थे। फरीदाबाद में बसने के बाद, उन्होंने सामूहिक रूप से सिविल अस्पताल के निर्माण में काम किया और इसका नाम अब्दुल गफ्फार खान के सम्मान में बादशाह खान अस्पताल रखा।
उन्होंने कहा, बादशाह खान अस्पताल हमारी पहचान है और हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह इसका नाम न बदले। हम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एक नया अस्पताल बना सकती है और उसका नामकरण कर सकती है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…