आयुर्वेद चिकित्सक भी करेंगे शल्य चिकित्सा-केन्द्र सरकार का फैसला…
सिद्धार्थनगर।। केन्द्र सरकार ने अपने निर्णय से आयुर्वेद चिकित्सकों के लिये एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अब आयुर्वेद चिकित्सक भी सर्जरी कर सकेंगे।जिसे लेकर आयुर्वेद जगत में हर्ष की लहर है।वहीं दूसरी ओर इस फैसले को लेकर एलोपैथ चिकित्सा की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस फैसले पर कड़ा विरोेध जताया है।उन्होंने इसे गलत बताते हुए आने वाले ११ दिसम्बर को सभी क्लीनिक और अस्पतालों को बंद रखने का एलान किया है।वहीं दूसरी ओर जनपद के आयुष चिकित्सकों की संस्था जनरल प्रैक्टिशनर्श एसेसिएशन के सचिव डाक्टर के पी पान्डे ने जनपद के सभी आयुष चिकित्सकों की ओर से केन्द्र सरकार को धन्यवाद दिया है।डा पान्डे का कहना है कि शल्य चिकित्सा भारत की अत्यन्त पुरानी पद्धति है और यह तब से की जा रही है कि जब एलोपैथिक चिकित्सा नहीं थी।शल्य चिकित्सा आयुर्वेद की ही देन है।यह अलग बात है कि समय के साथ इसमें बदलाव हो रहे हैं।वहीं एलोपैथ चिकित्सकों का कहना है कि इससे सर्जरी में नुकसान हो सकता है क्योंकि आज सर्जरी नये नये आयाम से जुड़ी है।सचिव डाo के पी पांडे ने कहा है कि ११दिसम्बर को सभी आयुर्वेद चिकित्सक अपनी क्लीनिक खुली रखेंगे।एलोपैथ चिकित्सकों की दलीलें बेबुनियाद हैं।आज आयुष चिकित्सा भारत के साथ विदेशों में भी अपनाई जा रही है इसलिये इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता है।जानकारी के मुताबिक नीमा (नेशनल इंटिग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन )ने आने वाली ११तारीख को सभी आयुष चिकित्सकों से अपील की है कि वह अपनी बांह पर गुलाबी रिबन बांध कर आई एम ए के विरोध का विरोध करेंगे।
पत्रकार असदुल्लाह सिद्दीकी की रिपोर्ट…