किसानों के समर्थन में कन्नौज जा रहे अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत में लिया…
पुलिस द्वारा रोके जाने पर सड़क पर ही बैठ गए अखिलेश यादव 👆 कार्यकर्ताओं को सपा मुख्यालय से बाहर निकलने से रोकती हुई पुलिस 👆 सपा सांसद/नेताओं ने बैलगाड़ी पर सवार होकर किया प्रदर्शन 👆 लखनऊ में सपा एमएलसियों की भी हुई गिरफ्तारी 👆
पुलिस द्वारा रोके जाने पर अखिलेश यादव ने लोस अध्यक्ष को लिखा पत्र 👆
फ्लीट रोके जाने पर अखिलेश सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए: लखनऊ में 3 एमएलसी भी गिरफ्तार…
कई शहरों में सपा का जाम/प्रदर्शन और गिरफ्तारी, किसानों का “भारत बंद” कल…
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को कन्नौज में किसान यात्रा में शामिल होने के लिए जाते समय लखनऊ में पुलिस हिरासत में ले लिया गया। घर से बाहर निकलने के बाद पुलिस ने उनकी फ्लीट को रोक लिया था। इसके बाद अखिलेश यादव पैदल ही आगे बढ़ गए, कुछ दूर आगे चलने के बाद वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए थे। अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन अब कृषि कानून लाकर उन्हे कमजोर किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हम किसानों को जागरुक करते रहेंगे।
इसके पहले सपा कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय के सामने प्रदर्शन के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उन पर हल्का बल प्रयोग कर दिया। सपा कार्यालय से लेकर अखिलेश यादव के घर तक पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। सपा कार्यालय के सामने पहुंचे कार्यकर्ताओं से पुलिस की भिड़त हो गई जिसके बाद पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तीन विधान परिषद सदस्यों उदयवीर सिंह, राजपाल कश्यप और आशु मलिक को हिरासत में ले लिया। इस बीच कन्नौज में जिलाधिकारी ने अखिलेश यादव के किसान मार्च को मंजूरी नहीं दी। देश के 12 से ज्यादा सियासी दलों ने किसानों का समर्थन किया है जो कि दिल्ली में केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों के साथ सरकार की पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही है जिस पर किसानों ने कल आठ दिसंबर से भारत बंद का एलान किया है। समाजवादी पार्टी के नेताओं/कार्यकर्ताओं ने आज प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन किया व जाम लगाया। पुलिस ने जगह-जगह सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पिपरौली गांव के पास सपा कार्यकर्ताओं ने एक्सप्रेस वे पर भी घंटों तक जाम लगाये रखा। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में पुलिस लाइन भेज दिया। (7 दिसंबर 2020)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,