*मुख्‍यमंत्री पर लगाया घटिया राजनीति करने का आरोप*

*मुख्‍यमंत्री पर लगाया घटिया राजनीति करने का आरोप*

*नई दिल्ली।* बीते सात दिनों से किसान आंदोलन से देश की राजनीति में काफी हलचल है। ताजा अपडेट के मुताबिक किसान आंदोलन पर एक बार फिर दो राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री आमने-सामने हैं। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दिल्‍ली के सीएम केजरीवाल ने किसान आंदोलन को लेकर प्रेसवार्ता की। उन्‍होंने इस दौरान कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर किसान आंदोलन को लेकर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने प्रेसवार्ता में कहा कि मंगलवार को कैप्टन ने मुझ पर आरोप लगाया कि मैंने तीनों कृषि कानूनों को पास किया है। जबकि कैप्टन को भी मालूम है कि कानून केंद्र ने पास किए हैं। जिस दिन इन कानूनों पर राष्ट्रपति ने साइन कर दिए ये कानून देश भर में लागू हो गए। कोई राज्य सरकार का मामला नहीं है। इसीलिए किसान दिल्ली आए हैं। केजरीवाल ने आगे कहा कि कैप्टन ने झूठ क्यों बोला। इसका कारण केंद्र सरकार का उन पर दबाव है। कैप्टन पर ईडी के मामले चल रहे हैं, जिनमें उन पर नोटिस किए गए हैं। इसलिए कैप्टन भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। कैप्‍टन पर बड़ा आरोप लगाते हुए सीएम केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की कमेटी में एक वक्‍त कैप्टन अमरिंदर सिंह थे तब उस कमेटी के अंदर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन कानूनों का सख्‍त विरोध क्यों नहीं किया। उन्‍होंने सवालिया लहजे में पूछा कि इनको क्यों नहीं रोका गया? किसान आंदोलन से दिल्‍ली वालों की परेशानी काफी बढ़ गई है। सोनीपत की तरफ से लगा दिल्‍ली का सिंघु और टीकरी बॉर्डर सील है इसके साथ ही औचंदी बॉर्डर भी सील होने से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब व हरियाणा के किसानों ने प्रदर्शन शुरू किया जिसे अब दिल्‍ली समेत पूरे देश के राज्‍यों के किसानों से समर्थन मिल रहा है। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। सिंघु, टीकरी बॉर्डर और इसके बाद औचंदी बॉर्डर सील बैरिकेडिंग कर वहां पर किसानों को रोकने के लिए डंपर खड़े कर दिए गए हैं।